Edited By Seema Sharma,Updated: 23 Sep, 2019 01:55 PM
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने शनिवार को कहा था कि चंद्रयान-2 मिशन ने अपना 98 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है जबकि लैंडर ‘विक्रम'' से अभी संपर्क नहीं हो पाया। वहीं सिवन ने यह भी कहा कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर
भुवनेश्वर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने शनिवार को कहा था कि चंद्रयान-2 मिशन ने अपना 98 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है जबकि लैंडर ‘विक्रम' से अभी संपर्क नहीं हो पाया। वहीं सिवन ने यह भी कहा कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर ठीक से काम कर रहा है और तय वैज्ञानिक प्रयोग ठीक से कर रहा है। सिवन के इस दावे पर देश के ही कई वैज्ञानिकों ने ही सवाल उठाए हैं। इसरो के पूर्व वैज्ञानिक तपन मिश्रा ने फेसबुक पर एक लेख लिखा है। तपन ने लिखा कि बिना किसी गंभीर आत्मनिरीक्षण के ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिससे देश में हंसी का पात्र बनना पड़े। तपन मिश्रा ने बिना इसरो चीफ का नाम लिए कहा कि लीडर्स हमेशा प्रेरित करते हैं, वे मैनेज नहीं करते।
मिश्रा ने लिखा है कि जब अचानक से नियमों को मानने की व्यवस्था बढ़ जाए, कागजी कार्रवाई में इजाफा हो जाए, मीटिंग्स ज्यादा होने लगे और घुमावदार बातें होने लगे तो ये मान लेना चाहिए कि आपके संस्थान में लीडरशिप (नेतृत्व) अब दुर्लभ होता जा रहा है। तपन ने आगे लिखा कि जब स्कूटर का टायर सड़क पर पंक्चर होता है तब एक मैकेनिक को बुलाते हैं उसे ठीक करने के लिए इसलिए जब भी किसी स्पेसक्राफ्ट या रॉकेट के साथ कुछ गड़बड़ हो जाए तब भी आपको मैकेनिक को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने लिखा कि स्पेस साइंस और टेक्नोलॉजी में 100 प्रतिशत भरोसा होना बेहद जरूरी है। जब भी आप कोई मशीन अंतरिक्ष में भेजते हैं, तब आपको कई सुधारात्मक उपाय करने होते हैं क्योंकि अंतरिक्ष में कोई व्यक्ति नहीं होता जो गड़बड़ी को ठीक कर दे।
बता दें कि सिवन के इसरो चीफ बनने के तुरंत बाद ही तपन मिश्रा को स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद के निदेशक पद से हटा दिया गया था। सिवन ने शनिवार को हवाई अड्डे पर मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हम कह रहे हैं कि चंद्रयान-2 ने 98 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया है, इसके दो कारण हैं - पहला विज्ञान और दूसरा प्रौद्योगिकी प्रमाण। प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर लगभग पूरी सफलता हासिल की गई है।'' सिवन ने कहा कि इसरो 2020 तक दूसरे चंद्रमा मिशन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य की योजना पर चर्चा जारी है...किसी भी चीज को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। हमारी प्राथमिकता अगले वर्ष तक मानव रहित मिशन है। पहले हमें समझना होगा कि लैंडर के साथ क्या हुआ। उन्होंने कहा कि ऑर्बिटर तय विज्ञान प्रयोग पूरी संतुष्टि के साथ कर रहा है। ऑर्बिटर में आठ उपकरण हैं और आठों उपकरण अपना काम ठीक तरीके से कर रहे हैं।