Edited By Naresh Kumar,Updated: 03 Feb, 2019 11:17 AM
शुक्रवार को बजट दौरान मिडल क्लास को दी गई टैक्स छूट के बाद नरेंद्र मोदी आयकर दाताओं (टैक्सपेयर्स) को सबसे ज्यादा राहत देने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं। मोदी से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने 10 साल के कार्यकाल
जालंधर(नरेश कुमार): शुक्रवार को बजट दौरान मिडल क्लास को दी गई टैक्स छूट के बाद नरेंद्र मोदी आयकर दाताओं (टैक्सपेयर्स) को सबसे ज्यादा राहत देने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं। मोदी से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने 10 साल के कार्यकाल दौरान आयकर दाताओं को डेढ़ लाख रुपए तक की कर राहत दी थी लेकिन मोदी के 5 साल के कार्यकाल में यह कर राहत 3 लाख रुपए रही है। मनमोहन सिंह ने जब 2004 में सत्ता संभाली थी तो उस समय 50 हजार रुपए तक की आय कर मुक्त थी जबकि 2009 आते-आते मनमोहन सिंह ने इसे बढ़ाकर 1 लाख 10 हजार रुपए कर दिया जबकि अगले 5 सालों में वह इसे 1 लाख 10 हजार से 2 लाख तक ले गए।
2014 में जब मोदी सत्ता में आए तो उस वक्त कर मुक्त आय 2 लाख रुपए थी और पहले ही बजट में मोदी सरकार ने इसे बढ़ाकर अढ़ाई लाख रुपए कर दिया था लेकिन इसके बावजूद शहरी मिडल क्लास सरकार से यह लिमिट 5 लाख रुपए तक बढ़ाने की मांग कर रहा था। आॢथक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण दिए जाने के फैसले के बाद यह तर्क दिया जा रहा था कि यदि आरक्षण के लिए गरीबी की लिमिट 8 लाख की वार्षिक आय है तो आयकर अढ़ाई लाख आय के बाद क्यों दिया जाना चाहिए।
इसे देखते हुए ही सरकार ने इस बजट में शर्तों के साथ 5 लाख रुपए तक की आय को कर मुक्त किया है। इन्कम टैक्स स्लैब के मौजूदा स्वरूप की शुरूआत मनमोहन सिंह ने 1991 में बतौर वित्त मंत्री की थी और यह उसी स्वरूप में जारी है। लिहाजा मौजूदा स्वरूप के हिसाब से पिछले 6 प्रधानमंत्रियों में से नरेंद्र मोदी ने करदाताओं को सबसे ज्यादा राहत दी है।