Edited By Pardeep,Updated: 16 Aug, 2022 11:36 PM
उच्चतम न्यायालय सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की जमानत याचिका को 22 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के लिए मंगलवार को सहमत हो गया, जिन्हें 2002 के दंगा मामलों में ‘‘निर्दोष लोगों'' को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने
नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की जमानत याचिका को 22 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के लिए मंगलवार को सहमत हो गया, जिन्हें 2002 के दंगा मामलों में ‘‘निर्दोष लोगों'' को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कार्यकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता अपर्णा भट की इस दलील पर गौर किया कि उनकी याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए। पीठ ने अब सीतलवाड की याचिका को अगले सोमवार को मनोनीत प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू यू ललित के नेतृत्व वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया है।
गुजरात उच्च न्यायालय ने गत 3 अगस्त को सीतलवाड की जमानत याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था और 19 सितंबर को सुनवाई की तारीख तय की थी। इससे पहले अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने 30 जुलाई को मामले में सीतलवाड और पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
सीतलवाड और पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर बी श्रीकुमार को जून में गिरफ्तार किया गया था, उन पर गोधरा दंगा मामलों में ‘‘निर्दोष व्यक्तियों'' को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने का आरोप है। वे साबरमती केंद्रीय जेल में बंद हैं। श्रीकुमार ने भी जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। मामले के तीसरे आरोपी पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने जमानत के लिए आवेदन नहीं किया है। भट्ट पहले से ही एक अन्य आपराधिक मामले में जेल में थे जब उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।