Edited By rajesh kumar,Updated: 14 Aug, 2022 08:53 PM
राजस्थान के जालोर जिले में दलित छात्र की मौत के बाद हालात बहुत ही तनावपूर्ण हो गए हैं। इन्ही हालातों को देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। इससे पहले दलित छात्र की हुई मौत पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस दलों के बीच झड़प होने के...
नेशनल डेस्क: राजस्थान के जालोर जिले में दलित छात्र की मौत के बाद हालात बहुत ही तनावपूर्ण हो गए हैं। इन्ही हालातों को देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। दलित छात्र की हुई मौत पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस दलों के बीच झड़प होने के साथ-साथ पत्थरबाजी हुई। इस दौरान कई गाड़ियों में तोड़फोड़ करने का प्रयास किया गया। मामला बढ़ते देख पुलिस ने भी बल को प्रयोग किया, इस दौरान कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं।
दरअसल पुलिस मृतक बच्चे के परिवार को एक नोटिस देने यहां पहुंची थी, ताकि वो उन पर बच्चे के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए दबाव बना सके। लेकिन मामले में स्थानीय लोगों ने हस्तक्षेप किया जिसे पुलिस ने रोकने की कोशिश की। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने लोगों को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया जिसमें कई लोगों को चोट आई है। परिजनों ने अधिकारियों से 50 लाख रुपये मुआवजा, एक सदस्य को सरकारी नौकरी और स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निजी स्कूल में शिक्षक द्वारा मारपीट के कारण छात्र की मृत्यु को दुखद बताते हुए कहा है कि पीड़ति परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलवाना सुनिश्चित किया जाएगा। गहलोत ने कहा कि मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपी शिक्षक के विरुद्ध हत्या एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एक्ट की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर गिरफ्तारी की जा चुकी है।
गौरतलब है की राजस्थान के जालोर जिले में एक मासूम छात्र को स्कूल में मटके से पानी पीने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। टीचर ने मासूम छात्र को इतनी बेरहमी से पीटा कि उसकी जान चली गई। स्कूल में मटके से पानी पीने पर टीचर ने लड़के को बेरहमी से 20 जुलाई को पिटाई कर दी। उसके बाद बच्चे को गुजरात इलाज के लिए रेफर कर दिया गया लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।