Edited By Anil dev,Updated: 16 Sep, 2019 11:25 AM
यह एक अच्छी खबर है कि देश में आतंकवाद का राक्षस अपने आखिरी दिन गिन रहा है। पूरी दुनिया इससे आजिज है और मिलकर लड़ रही है। पाकिस्तान जैसे देश, जो आतंकवाद को पालने और पनाह देने के लिए जाने जाते हैं, विश्व समुदाय में अलग-थलग पड़ गये हैं।
नई दिल्ली: यह एक अच्छी खबर है कि देश में आतंकवाद का राक्षस अपने आखिरी दिन गिन रहा है। पूरी दुनिया इससे आजिज है और मिलकर लड़ रही है। पाकिस्तान जैसे देश, जो आतंकवाद को पालने और पनाह देने के लिए जाने जाते हैं, विश्व समुदाय में अलग-थलग पड़ गये हैं। पाक की जैसी दुर्गति हो रही है, वह किसी से छुपी नहीं है। दुनिया का दबाव इतना है कि वह भी आतंकवाद से तोबा-तोबा करता दिख रहा है।
दक्षिण एशिया में आतंकवाद का ब्यौरा तैयार करने वाले एसएटीपी के आंकड़े गवाह हैं कि जहां 2001 में एक साल में आतंक और नक्सली हमलों की घटनाएं 2800 से ज्यादा होती थीं, वह अब 250 के आसपास हैं। देश में नक्सली हिंसा और आतंकवाद की नकेल कसने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का रिकार्ड पिछली सरकारों से काफी बेहतर है। पिछले पांच साल में पूर्वोत्तर में हिंसा की घटनाओं में तेजी से कमी आई है। नक्सल प्रभावित इलाकों में हत्या और हमले कम हुए हैं। आम लोगों को निशाना बनाकर किए जाने वाले बम धमाके रुके हैं। इसका श्रेय देश के जवानों को दिया जाना चाहिए, जो जान की बाजी लगाकर लागतार आतंक के सौदागरों से लोहा ले रहे हैं...
पूर्वोत्तर के आतंकवाद पर नकेल
पूर्वोत्तर के आतंकवाद में 2014 के बाद तेजी से कमी आई है। 2009 के बाद यह 2012 में एक बार फिर तेजी से बढ़ा था मगर वर्ष 2015 में वहां स्थिति में काफी सुधार हुआ। हिंंसा की घटनाओं में कमी आई है। हालांकि कुछ स्थानीय संगठन अब भी सक्रिय हैं।
नक्सल हिंसा में कमी
2011 से ही देश में नक्सल हिंसा पर काबू पाने के प्रयास रंग ला रहे हैं। मोदी सरकार का रिकार्ड नक्सली हिंसा को रोकने में पिछली सरकार से बेहतर रहा है। 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को स्वयं बताया था कि प्रभावित राज्यों में माओवादी हिंसा में 20 फीसदी कि गिरावट आई है। 2013 की तुलना में 2017 में नक्सलियों द्वारा की गई हत्याओं में 34 फीसदी की कमी आई।
कश्मीर का आतंकवाद
कश्मीर के आतंकवाद में पिछले एक दशक से उतार-चढ़ाव बना हुआ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछली सरकार में वर्ष 2010 से 2013 के बीच आतंकी हिंसा की घटनाओं का ग्राफ लगातार नीचे गया था, मगर 2014 से 2017 के बीच इसमें बढ़ोतरी हुई। इस साल अगस्त में अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए जाने के बाद से कश्मीर में आतंकी हिंसा में काफी तेजी से कमी आई है।
आतंकी नक्सली किए ढेर
वर्ष इतने मारे
2000 |
2260 |
2001 |
3005 |
2000 |
2260 |
2002 |
2454 |
2003 |
2328 |
2004 |
1465 |
2005 |
1584 |
2006 |
1283 |
2007 |
1218 |
2008 |
1232 |
2009 |
1097 |
2010 |
759 |
2011 |
465 |
2012 |
429 |
2013 |
386 |
2014 |
441 |
2015 |
398 |
2016 |
525 |
2017 |
435 |
2018 |
540 |
2019 |
264 |