फल बेचते-बेचते बना खतरनाक आतंकी, दिल्ली दहलाने की रच रहा था साजिश

Edited By vasudha,Updated: 17 Jul, 2019 11:27 AM

terrorist absconding for five years arrested by delhi police

पांच साल से फरार चल रहे जैश-ए-मोहम्मद के मोस्ट वांटेड आतंकी बशीर अहमद पूनुर को स्पेशल सेल की टीम ने श्रीनगर से धर दबोचा। दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर दो लाख का ईनाम रखा था। वर्ष 2013 से वह फरार चल रहा था...

नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): पांच साल से फरार चल रहे जैश-ए-मोहम्मद के मोस्ट वांटेड आतंकी बशीर अहमद पूनुर को स्पेशल सेल की टीम ने श्रीनगर से धर दबोचा। दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर दो लाख का ईनाम रखा था। वर्ष 2013 से वह फरार चल रहा था। सोमवार को सेल की टीम ने उसे श्रीनगर के कोठीबाग इलाके से गिरफ्तार किया। स्पेशल सेल की टीम ने बशीर के दो अन्य साथियों फैयाज अहमद लोन और अब्दुल मजीद बाबा को इसी साल मार्च और मई में गिरफ्तार किया था। तब से बशीर अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए अपना ठिकाना बदल रहा था। 

स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार ने बताया कि बशीर साल 2007 में भी दिल्ली पुलिस के साथ मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार हुआ था। लेकिन मुकदमा चलने के बाद निचली अदालत से बरी हो गया। उसके बाद उसे दिल्ली हाई कोर्ट से सजा सुनाई गई। कुछ सालों बाद इस मामले में जमानत मिलने के बाद बशीर कोर्ट में पेश नहीं हो रहा था। कई बार पेशी से नदारद रहने पर कोर्ट ने उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट तक जारी किया था। बशीर की गिरफ्तारी पर पुलिस ने दो लाख रुपए का ईनाम घोषित कर रखा था। स्पेशल सेल की एक टीम कश्मीर में डेरा डाले हुए थी। 25 मार्च को बशीर के साथी फैय्याज को श्रीनगर से पकड़ा गया और फिर 11 मई को अब्दुल मजीद को भी श्रीनगर से दबोच लिया गया। 

1992 में बीएसएफ के आगे किया था समर्पण
साल 1992 में वह बीएसएफ के आगे समर्पण कर दिया था। साल 2002 में वह जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी गुलाम रसूल डोथू के कहने पर जैश में शामिल हो गया और आतंकवादी वारदात को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह हवाला के जरिए रकम भी पाता था और अपने आकाओं के पास पहुंचाने का काम करता था।

1990 में आतंकवादी घटनाओं के बाद बना आतंकी
बशीर का जन्म जम्मू-कश्मीर के सोपेर में हुआ था। अब वह 50 साल का हो गया है। उसके पिता मछुआरे थे। साल 2007 में गिरफ्तारी के पहले वह रेहड़ी पर फल बेचा करता था। साल 1990 में जब आतंकी घाटी को अपना ठिकाना बना रहे थे, तब बशीर हिज्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया। पाक अधिकृत कश्मीर में प्रशिक्षण लेने के बाद उसे हथियार और गोला बारूद मिलने लगा।

मुठभेड़ के बाद पाकिस्तानी आतंकी के साथ पकड़ा गया था बशीर
डीसीपी के मुताबिक फरवरी 2007 में दिल्ली पुलिस ने बशीर अहमद, फैयाज अहमद लोन और अब्दुल मजीद बाबा को एक पाकिस्तानी आतंकी शाहिद गफूर के संग दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर पकड़ा था। ये लोग दिल्ली में बड़ी साजिश को अंजाम देना चाहते थे। 7 अगस्त 2013 में दिल्ली की एक अदालत ने शाहिद गफूर को सजा सुनाई और बशीर, फैयाज व अब्दुल मजीद को बरी कर दिया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने बशीर, फैयाज व अब्दुल मजीद को भी दोषी करार देते हुए सजा सुनाई लेकिन ये तीनों फरार हो गए और कश्मीर में आकर अपना कामकाज करने लगे। 

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