Edited By Yaspal,Updated: 09 Apr, 2019 07:41 PM
भारत में जनगणना के 140 साल के इतिहास में पहली बार मोबाइल ऐप्प से आंकड़ों को एकत्रित करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके लिए गणनाकारों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपने स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करें। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने मंगलवार को यहां...
नई दिल्लीः भारत में जनगणना के 140 साल के इतिहास में पहली बार मोबाइल ऐप्प से आंकड़ों को एकत्रित करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके लिए गणनाकारों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपने स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करें। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने मंगलवार को यहां 2021 की जनगणना को दुनिया की सबसे बड़ी गणना कवायद बताया। उन्होंने यहां एक सम्मेलन में कहा कि घर-घर जाकर आंकड़े संजोने के लिए कुल 33 लाख गणनाकारों की सेवा ली जाएगी जिसके लिए अधिसूचना पहले ही जारी कर दी गई है।
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में 2020 में होगी जनगणना
जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड के बर्फ पडऩे वाले इलाकों के लिए संदर्भ तिथि एक अक्टूबर 2020 है जबकि देश के बाकी हिस्सों की यह एक मार्च 2021 है। भारत के महापंजीयक के अधिकारियों ने सम्मेलन में बताया कि भारत की जनगणना के 140 साल के इतिहास में पहली बार प्रस्तावित किया गया है कि आंकड़ों को मोबाइल ऐप्प के जरिए एकत्रित किया जाए और इसके लिए गणनाकारों को अपना मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होगी मतगणना
इस सम्मेलन का आयोजन 2021 की जनगणना के लिए रणनीति और प्रश्नावली को अंतिम रूप देने के वास्ते किया गया था। गणनाकारों को उचित मेहनताना दिया जाएगा। इसके अलावा, कागज के जरिए भी आंकड़े और रिकॉर्ड जुटाने का विकल्प रहेगा। गणनाकार इन्हें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जमा कराएंगे।
गृह सचिव ने कहा कि जनगणना सिर्फ आबादी की गणना करने की कवायद नहीं हैं, बल्कि इससे सामाजिक-आॢथक स्थिति के अहम आंकड़ों की जानकारी मिलती है, जो बेहतर नीतियां बनाने और संसाधनों के आवंटन के लिए विश्वसनीय आधार होते हैं। भारत के महापंजीयक और गणना आयुक्त विवेक जोशी ने बताया कि 2021 की जनगणना दो चरणों में की जाएगी।