Edited By kamal,Updated: 09 May, 2018 04:59 PM
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भले ही योजनाओं के जरिये ये बताने की कोशिश करे की प्रदेश में सब ठीक चल रहा है, ऐसा बिल्कुल भी नही है। प्रदेश के किसान अभी भी सरकार से नाराज हैं और आंदोलन की रूपरेखा बना रहे हैं। 6 जून को मंदसौर गोली कांड की बरसी है, लिहाजा...
भोपाल : मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भले ही योजनाओं के जरिये ये बताने की कोशिश करे की प्रदेश में सब ठीक चल रहा है, ऐसा बिल्कुल भी नही है। प्रदेश के किसान अभी भी सरकार से नाराज हैं और आंदोलन की रूपरेखा बना रहे हैं। 6 जून को मंदसौर गोली कांड की बरसी है, लिहाजा सरकार के लिए चिन्ता और बढ़ गयी है।
मध्यप्रदेश इंटेलिजेंस की रिपोर्ट की माने तो प्रस्तावित किसान आंदोलन में हिंसा की आशंका है। वही मंदसौर गोलीकांड की बरसी भी बीजेपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। प्रदेश में किसान आंदोलन की आहट के चलते ही इंटेलिजेंस सावधान है और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भी आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
किसान आंदोलन की फाइल फोटो।
1 जून को राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन
एक जून को राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन प्रस्तावित है। इस आंदोलन को एक सौ दस किसान संगठनों ने समर्थन दिया है। इसके अलावा छह जून को मंदसौर गोलीकांड की बरसी है। इस बरसी पर कांग्रेस का भी कार्यक्रम प्रस्तावित है।
चुनावी साल होने की वजह से मंदसौर गोलीकांड की बरसी पर कांग्रेस राहुल गांधी समेत बड़े नेताओं को मध्यप्रदेश बुला सकती है। इंटेलिजेंस आईजी मकरंद देउस्कर का कहना है कि किसान आंदोलन करने वाले सभी संगठन शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने की बात कहते हैं, लेकिन आंदोलन के समय जमीनी हकीकत दूसरी रहती है। इसलिए पुलिस मुख्यालय ने अपने स्तर पर तैयारियां करने के साथ जिलों के एसपी को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं।
इधर सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों को मंडियों में होने वाली किसानों की समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन को किसानों के संगठनों से संवाद स्थापित करने के लिए भी कहा गया है।