Edited By shukdev,Updated: 07 Apr, 2018 11:24 PM
न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर ने शनिवार को कहा कि महाभियोग हर सवाल या समस्या का जवाब नहीं हो सकता और प्रणाली को दुरुस्त किए जाने की जरूरत है। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी सेवानिवृत्ति के बाद सरकार से कोई नियुक्ति नहीं...
नई दिल्ली: न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर ने शनिवार को कहा कि महाभियोग हर सवाल या समस्या का जवाब नहीं हो सकता और प्रणाली को दुरुस्त किए जाने की जरूरत है। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी सेवानिवृत्ति के बाद सरकार से कोई नियुक्ति नहीं मांगेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं यह रिकार्ड में कह रहा हूं कि 22 जून को अपनी सेवानिवृत्ति के बाद मैं सरकार से कोई नियुक्ति नहीं मांगूगा।’
जनवरी का संवाददाता सम्मेलन रोष और सरोकार का नतीजा
उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के बाद वह सबसे वरिष्ठ न्यायधीश हैं। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा कि 12 जनवरी को उन्होंने न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ के साथ जो संवाददाता सम्मेलन किया था, वह रोष और सरोकार का नतीजा था क्योंकि शीर्ष न्यायालय के कामकाज के बारे में उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सीजेआई के साथ उनकी चर्चा का वांछित नतीजा नहीं निकल पाया था।
सीजेआई ‘मास्टर ऑफ रोस्टर’
लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका विषय पर बात करते हुए न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने पीठों के गठन और विभिन्न न्यायाधीशों को मामलों के आवंटन में सीजेआई की प्राथमिकता पर पूछे गए सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘सीजेआई ‘मास्टर ऑफ रोस्टर’ हैं। बेशक, सीजेआई के पास यह शक्ति है। सीजेआई के पास पीठें गठित करने की शक्ति है लेकिन संवैधानिक प्रणााली के तहत हर अधिकार के साथ कुछ खास जिम्मेदारियां हैं।’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि पीठों का गठन और मामलों का आवंटन मनमाने तरीके से नहीं किया जाना चाहिए, उन्होंने इसका सकारात्मक जवाब दिया। न्यायाधीश से बात करते हुए प्रख्यात पत्रकार करण थापर ने पूछा कि क्या सीजेआई के खिलाफ महाभियोग के लिए पर्याप्त आधार है? इसके जवाब में न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा, ‘यह सवाल क्यों पूछा गया? ’ दूसरे दिन कोई मुझ पर महाभियोग के बारे में पूछेगा। मैं नहीं जानता कि यह देश महाभियोग के बारे में इतना अधिक चिंतित क्यों है। हमने (न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के साथ)न्यायमूर्ति सीएस कर्णन के फैसले में लिखा कि इसके अलावा प्रणाली को सुव्यवस्थित करने के लिए अवश्य ही तंत्र होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘महाभियोग हर सवाल या हर समस्या का हल नहीं हो सकता।’ सीजेआई के खिलाफ विपक्षी पार्टियों द्वारा महाभियोग की कार्यवाही की पहल किए जाने के मद्देनजर उनका यह जवाब आया है।
किसी भी सीजेआई ने महाभियोग का सामना नहीं किया
गौरतलब है कि देश में किसी भी सीजेआई ने महाभियोग का सामना नहीं किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें आशंका है कि न्यायमूर्ति गोगोई (जो नवंबर 2017 में सीजेआई को लिखे पत्र का हिस्सा थे) को अगले सीजेआई के रूप में पदोन्नत नहीं किया जाएगा? न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा कि उन्हें आशा है कि ऐसा नहीं होगा और यदि ऐसा होता है तो यह साबित हो जाएगा कि 12 जनवरी के संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने जो कहा था वह सही था। हालांकि उन्होंने कहा, ‘मैं ज्योतिषी नहीं हूं ...।’
उन्होंने हारवर्ड क्लब इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह कहा। इस क्लब में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने इस अमरीकी विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है और यहां निवास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘कोई भी व्यक्ति जो सार्वजनिक पद पर होता है कभी भी आलोचना को टाल नहीं सकता।’ यह पूछे जाने पर कि क्या मामलों का चुङ्क्षनदा आवंटन संस्था पर विश्वास को कमजोर कर रहा है, तो उन्होंने कहा, ‘मेरा ऐसा मानना है और यदि प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है तो यह संदेह की ओर ले जाता है।’’