सबरीमाला: मंदिर जा रहीं महिलाओं को वापिस भेजा, प्रदर्शनकारियों ने मीडिया पर भी किया हमला

Edited By Seema Sharma,Updated: 17 Oct, 2018 02:10 PM

the atmosphere of tension before opening the sabarimala temple

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से पहले ही तनाव की स्थिति बन गई है। आज सुबह पंबा की ओर जाने वाले सैकड़ों श्रद्धालुओं को रास्ते में ही रोक दिया, जिससे तनाव फैल गया। महिलाओं की मंदिर में एंट्री को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस की वैन में...

निलक्कल (केरल): सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से पहले ही तनाव की स्थिति बन गई है। आज सुबह पंबा की ओर जाने वाले सैकड़ों श्रद्धालुओं को रास्ते में ही रोक दिया, जिससे तनाव फैल गया। महिलाओं की मंदिर में एंट्री को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस की वैन में बैठे कुछ मीडियाकर्मियों पर भी पथराव किया और पत्रकारों की गाड़ियां तोड़ दीं। तांत्रि परिवार के एक सदस्य राहुल ईश्वर अपनी 90 वर्षीय दादी और सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ आधार शिविर से सुबह साढ़े चार बजे पवित्र पर्वत की ओर बढ़ रहे थे, तभी निलक्कल में पुलिस ने उनको रोक दिया। इसके बाद श्रद्धालुओं और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। साथ ही, पुलिस ने विश्व प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के फैसले का विरोध करने वाले सबरीमाला कर्मा समिति और अन्य हिंदू संगठनों द्वारा बनाए गए शिविरों को हटा दिया है। निलक्कल और पंबा सहित विभिन्न जगहों पर सैकड़ों महिला एवं पुरुष पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।
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पुलिस बल तैनात
बुधवार तड़के जब प्रदर्शनकारियों ने मंदिर तक जाने के मुख्य रास्ते पर बसों को रोकने का प्रयास किया तो पुलिस को उनके खिलाफ बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस की कार्रवाई शुरू होते ही वहां बेहद कम संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारी भाग निकले। मासिक पूजा के लिए मंदिर खुलने से कुछ घंटे बाद पुलिस ने कहा कि वह लोगों के आने-जाने में अवरोध पैदा नहीं करने देगी। निलक्कल का पूर्ण नियंत्रण अपने हाथों में लेते हुए पुलिस ने अयप्पा मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के रास्ते में अवरोध पैदा करने वालों को चेतावनी दी। 
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महिलाओं को मंदिर में न जाने की चेतावनी
प्रदर्शनकारियों में कुछ ने पम्बा जाने वाले वाहनों को जांचा और उनमें सवार 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की लड़कियों व महिलाओं को मंदिर जाने से रोक दिया, इस पर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की। सबरीमाला आचार संरक्षण समिति के कार्यकर्ताओं ने सोमवार की रात तमिलनाडु से पम्बा जा रहे 45 और 40 वर्ष आयु के दंपति को केएसआरटीसी के बस से कथित रूप से उतरने को बाध्य कर दिया था। हालांकि, दंपति का कहना है कि वह सिर्फ पम्बा तक जाएंगे और सबरीमाला पहाड़ी पर नहीं चढ़ेंगे। बाद में पुलिस उन्हें सुरक्षित ले गई। निलक्कल में मौजूद सबरीमाला आचार संरक्षण समिति के कुछ कार्यकर्त्ताओं ने मीडियाकर्मियों को भी कथित रूप से उनका काम करने से रोका था। हालांकि, अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती के बाद सभी मीडियाकर्मी निलक्कल लौट आए हैं। भगवान अयप्पा स्वामी मंदिर जाने के मुख्य रास्ते निलक्कल पर महिला पुलिसकर्मियों सहित करीब 500 पुलिसकर्मी तैनात हैं। इस बीच, पम्बा में श्रद्धालुओं के एक अन्य समूह ने गांधीवादी तरीके से अपना विरोध जताया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयप्पा स्वामी मंदिर के दरवाजे पहली बार बुधवार की शाम खुलने वाले हैं। पांच दिन की मासिक पूजा के बाद यह 22 अक्टूबर को फिर बंद हो जाएंगे।

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