Edited By vasudha,Updated: 12 Jul, 2020 03:40 PM
एक बार फिर कांग्रेस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मध्य प्रदेश में सरकार गंवाने के बाद अब राजस्थान में भी कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सीएम अशोक गहलात और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के के बीच चल रहे मनमुटाव को लेकर वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने चिंता जाहिर की...
नेशनल डेस्क: एक बार फिर कांग्रेस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मध्य प्रदेश में सरकार गंवाने के बाद अब राजस्थान में भी कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सीएम अशोक गहलात और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के के बीच चल रहे मनमुटाव को लेकर वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल चिंतित हैं। सिब्बल ने इस संकट से तुरंत निपटने की अपील करते हुए कहा कि पार्टी नेतृत्व कब जागेगा।
कपिल सिब्बल ने अपने ट्वीट में लिखा कि अपनी पार्टी के लिए चिंतित हूं, क्या घोड़ों के अस्तबल से निकलने के बाद ही हम जागेंगे? हालांकि सिब्बल ने इस ट्वीट में किसी का जिक्र तो नहीं किया लेकिन यह कहीं ना कही राजस्थान में चल रहे सियासी संकट की और इशारा कर रहा है। खबरों की मानें तो गहलोत से नाराज चल रहे सचिन पायलट 10-12 कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा जमाए बैठे हैं। वह जल्द ही कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे।
दरअसल राजस्थान कांग्रेस संकट में घिरी हुई है। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से रिश्ते अच्छे नहीं हैं। दोनों शीर्ष नेताओं के बीच तकरार की वजह राज्य की पुलिस द्वारा विधायकों की ''खरीद-फरोख्त'' मामले की जांच का आदेश देना और पायलट को नोटिस भेजना है, जिसे लेकर पायलट नाराज हैं। सूत्रों के अनुसार राजस्थान पुलिस ने गहलोत और पायलट को भी नोटिस जारी कर कांग्रेस सरकार गिराने की कथित कोशिशों के संबंध में बयान दर्ज कराने के लिये कहा है।
क्या है विवाद
सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्य के उपमुख्यमंत्री है। राजस्थान में दिसंबर 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले ही गहलोत और पायलट के बीच तकरार शुरू हो गई थी।गहलोत को मुख्यमंत्री सौंपने के बाद यह विवाद और बढ़ गया। गहलोत और पायलट के बीच सत्ता संतुलन बिठाने के लिए सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया। हालांकि इसके बावजूद भी उनकी नाराजगी कम नहीं हुई।