Edited By Utsav Singh,Updated: 23 Sep, 2024 07:45 PM
निराली पंड्या, जो एक गुजराती परिवार से हैं और मुंबई में रह रही हैं, ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने संघर्षों के बारे में खुलकर बात की है। बचपन से ही उन्हें प्रसिद्धि की चाह थी, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद उन्हें समझ में आया कि यहां सफलता...
नेशनल डेस्क : निराली पंड्या, जो एक गुजराती परिवार से हैं और मुंबई में रह रही हैं, ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने संघर्षों के बारे में खुलकर बात की है। बचपन से ही उन्हें प्रसिद्धि की चाह थी, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद उन्हें समझ में आया कि यहां सफलता पाने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस बात का खुलासा इन्होंने एक अखबार में दिए गए इंटरव्यू के दौरान किया है। आइए जानते है विस्तार से ...
परिवार की चिंताओं के बावजूद
2018 में, जब निराली ने अपने करियर की शुरुआत की, उनके परिवार को उनकी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने की कोई खुशी नहीं थी। परिवार ने उन्हें पहले ही चेतावनी दी थी कि फिल्म इंडस्ट्री, विशेषकर महिलाओं के लिए, बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकती है। फिर भी, निराली ने परिवार की सलाह के बावजूद फिल्म इंडस्ट्री में अपने सपनों को पूरा करने का निर्णय लिया।
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कास्टिंग एजेंसियों के साथ अनुभव
निराली ने कई कास्टिंग एजेंसियों के साथ ऑडिशन दिए, लेकिन उन्हें ज्यादातर असुरक्षित और अनुचित परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। कास्टिंग एजेंट्स ने उन्हें गलत तरीके से देखा और दोस्ती या समझौते की मांग की। निराली के अनुसार, उन्हें सीधे तौर पर कहा गया कि यदि उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में आगे बढ़ना है, तो उन्हें कास्टिंग एजेंट्स के साथ दोस्ती करनी पड़ेगी, जो एक तरह से कॉम्प्रोमाइज करने की मांग थी। यह स्थिति कई बार उनके सामने आई, जिससे निराली को यह एहसास हुआ कि उनके परिवार की चिंताएँ बेबुनियाद नहीं थीं।
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सशक्तिकरण की दिशा में कदम
इन समस्याओं का सामना करने के बाद, निराली ने कास्टिंग एजेंसियों से दूरी बना ली और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में काम करने का निर्णय लिया। उन्होंने एक पॉडकास्ट शुरू किया और महिलाओं के उत्थान के लिए एक मुहिम का नेतृत्व किया। उनका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र और सक्षम बनाना है ताकि वे अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो सकें।
निराली की सशक्त यात्रा
निराली का कहना है कि अब वे अपनी समस्याओं से लड़ने के बजाय महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए काम कर रही हैं। उनके अनुभव और संघर्ष ने उन्हें और भी मजबूत बना दिया है और वे समाज में बदलाव लाने की दिशा में काम कर रही हैं। उनका लक्ष्य है कि वे महिलाओं को सशक्त बनाएं और उनके उत्थान के लिए लगातार प्रयास करें।
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निराली पंड्या की कहानी स्पष्ट करती है कि फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं को अक्सर पेशेवर दबाव और व्यक्तिगत सुरक्षा की जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। उनके अनुभव ने यह भी दिखाया है कि कई बार एक्ट्रेसेस को अपने करियर को बचाए रखने के लिए बुरे हालातों का सामना करना पड़ता है। इन कहानियों के माध्यम से यह समझना जरूरी है कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।