Edited By ,Updated: 11 Jan, 2017 08:34 AM
नोटबंदी के फायदे और नुक्सान को लेकर हो रही बहस के बीच बड़ा खुलासा हुआ है।
नई दिल्ली: नोटबंदी के फायदे और नुक्सान को लेकर हो रही बहस के बीच बड़ा खुलासा हुआ है। जिसमें कहा गया है कि नोटबंदी का फैसला केवल मोदी सरकार का था और इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) को घोषणा से मात्र एक दिन पहले जानकारी दी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा की थी और 7 नवम्बर को इस मसले पर आर.बी.आई. से राय मांगी गई थी। संसदीय पैनल को दी गई रिपोर्ट में आर.बी.आई. ने यह जानकारी दी है।
जानकारी के मुताबिक सरकार की इस सलाह पर गौर करने के लिए अगले ही दिन आर.बी.आई. सैंट्रल बोर्ड की बैठक हुई और विचार-विमर्श करने के बाद 500 और 1000 के नोटों को वापस लेने और उनकी कानूनी वैधता खत्म करने संबंधी सरकार की सलाह पर अपनी सहमति की मोहर लगा दी। आर.बी.आई. की रिपोर्ट आने के बाद सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि सरकार ने पहले कहा था कि नोटबंदी पर आर.बी.आई. की सलाह ली थी लेकिन अब रिजर्व बैंक का कहना है कि फैसले से मात्र एक दिन पहले इसकी जानकारी दी गई थी।