'निकाह हलाला' को खत्म करने की तैयारी में केंद्र सरकार, खटखटाया SC का दरवाजा

Edited By vasudha,Updated: 02 Jul, 2018 12:29 PM

the central government is ready to end the nikah halala

तीन तलाक की प्रथा को खत्म करने के बाद अब केंद्र सरकार ने मुसलमानों में होने वाली ‘निकाह हलाला’ का विरोध करने का फैसला किया है। इस प्रथा पर रोक के लिए भी सरकार कोर्ट का सहारा ले रही है...

नेशनल डेस्क: तीन तलाक की प्रथा को खत्म करने के बाद अब केंद्र सरकार ने मुसलमानों में होने वाली ‘निकाह हलाला’ का विरोध करने का फैसला किया है। इस प्रथा पर रोक के लिए भी सरकार कोर्ट का सहारा ले रही है। वहीं सरकार कोर्ट ने आज इन प्रथाओं को चुनौती देने वाली अर्जियों को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमति जता दी है।

केंद्र को जवाब दाखिल करने की अनुमति
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता वी शेखर की इस दलील पर गौर किया कि याचिकाओं को अंतिम फैसले के लिए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए। दिल्ली के याचिकाकर्ताओं में से एक समीना बेगम की ओर से पेश अधिवक्ता शेखर और अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि उनकी मुवक्किल को धमकी दी जा रही है और कहा जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय में ‘निकाह हलाला’ और ‘बहुविवाह ’ प्रथाओं को चुनौती देने वाली अपनी याचिका वह वापस ले लें।  इस बीच पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को इस याचिका पर जवाब दाखिल करने की अनुमति दी।

क्या है निकाह हलाला प्रथा?
बता दें कि निकाह हलाला एक विवादास्पद प्रथा है, जिसमें एक तलाकशुदा महिला को अपने पति से फिर से शादी करने से पहले किसी और से शादी करनी पड़ती है। उस पुरुष के साथ महिला को शारीरिक संबंध बनाने होते हैं। इसके बाद वह तलाक लेती है ताकि वह अपने पहले पति से पुनर्विवाह कर सके। महिला कार्यकर्ताओं ने इस प्रथा की निंदा की है और इसे महिला विरोधी बताया है और इसे प्रतिबंधित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई।

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