....तो कांग्रेस और राहुल के लिए सहज स्थिति हो सकती है सीटों का शतक

Edited By Seema Sharma,Updated: 22 May, 2019 02:48 PM

the century of seats can be a comfortable for rahul

लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल में कांग्रेस को उसके उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिलने का अनुमान जताया गया है, हालांकि जानकारों का मानना है कि पार्टी अगर 100 का आंकड़ा पार करती है तो यह उसके और अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए थोड़ी सहज...

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल में कांग्रेस को उसके उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिलने का अनुमान जताया गया है, हालांकि जानकारों का मानना है कि पार्टी अगर 100 का आंकड़ा पार करती है तो यह उसके और अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए थोड़ी सहज स्थिति हो सकती है। वैसे, पिछले लोकसभा चुनाव में अर्श से फर्श पर पहुंचने के बाद इस बार सीटों का शतक लगाना कांग्रेस के लिए निश्चित तौर पर चुनौतीपूर्ण लक्ष्य है। दूसरी तरफ डेढ़ साल पहले पार्टी की कमान संभालने वाले राहुल की नेतृत्व क्षमता की परीक्षा भी है। हालांकि पार्टी का मानना है कि कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में काफी अच्छा प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस 2014 के आम चुनाव में 44 सीटों पर सिमट गई थी। वह पार्टी का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन था। चुनाव पूर्व और चुनाव बाद के सर्वेक्षणों में कांग्रेस की सीटों में इजाफे़ की बात की जा रही है, हालांकि पार्टी के आसानी से सत्ता तक पहुंचने का कोई पूर्वानुमान नहीं है।

जानकारों की मानें तो कांग्रेस के लिए सहज स्थिति यह होगी कि वह 100 के आंकड़े तक पहुंचे, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर राहुल गांधी के नेतृत्व पर भी कुछ हद तक सवाल खड़े होने लगेंगे। सीएसडीएस के निदेशक संजय कुमार कहते हैं, ‘‘यह चुनाव कांग्रेस और राहुल गांधी दोनों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। मेरा मानना है कि अगर कांग्रेस 100 सीटों के करीब पहुंचती है तो उसके लिए संतोषजनक स्थिति होगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य लिए भी यह चुनाव बहुत अहम है। उनके राजनीतिक भविष्य के मद्देनजर दो बातें जरूरी है कि वह अमेठी से खुद जीतें और कांग्रेस करीब 100 सीटें जीते।'' पिछले पांच वर्षों के सफर में कांग्रेस ने कई पराजयों का सामना किया, लेकिन पिछले साल नवंबर-दिसंबर में तीन राज्यों-मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में उसकी जीत ने पार्टी की लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदों को ताकत देने का काम किया। यह बात अलग है कि पार्टी हवा के उस रुख को बरकरार नहीं पाई और पुलवामा के बाद के राजनीतिक हालात ने उसके लिए मुश्किल चुनौतियां पैदा कर दीं। वैसे, पार्टी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी।

वर्षों तक कांग्रेस के कई उतार-चढ़ाव के गवाह रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश ने कहा कि हार-जीत से इतर कांग्रेस एक विचारधारा है जो इस देश में कभी खत्म नहीं हो सकती है। कांग्रेस आइडिया ऑफ इंडिया के लिए हमेशा लड़ी है और आगे भी लड़ती रहेगी।'' उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कई राज्यों में हमें जीत मिली और इस लोकसभा चुनाव में भी हम बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस नेता यह भी कहते हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पिछले पांच वर्षों में बहुत निखार आया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल जी ने अपने नेतृत्व को जिस प्रकार से पिछले पांच वषों में निखारा है, जिस प्रकार से जनता की पीड़ा को उठाया है, जिस प्रकार से लोगों की आवाज बुलंद की है, वो अपने आप में एक अनूठी मेहनत, लगन और प्रयास का परिणाम है। आज उनके विरोधी भी मानते हैं कि उनके अंदर पूरी मेहनत और लगन से काम करने की क्षमता है।

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