Edited By Tanuja,Updated: 18 Dec, 2019 10:05 AM
उत्तरी अमेरिका में असम के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन का कहना है कि संशोधित नागरिकता कानून का असम...
वाशिंगटन: उत्तरी अमेरिका में असम के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन का कहना है कि संशोधित नागरिकता कानून का असम के लोगों और पूर्वोत्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में ‘असम एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका' (AANA) ने आग्रह किया कि 1985 के असम समझौते को पूरी तरह से लागू किया जाए, जहां संघर्ष की किसी भी स्थिति में असम समझौते को प्राथमिकता मिले।
पत्र में AANA ने कहा, ‘‘ हाल ही में पारित हुआ संशोधित नागरिकता कानून (CAA) 2019 हमारे लिए चिंता का कारण बन गया है क्योंकि इसका असम के लोगों और पूर्वोत्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। '' यह पत्र 14 दिसम्बर को लिखा गया था।
पत्र में कहा गया, ‘‘ हम इस कानून को असम और पूर्वोत्तर की मूल आबादी के संस्कृति, जनसांख्यिकी और आर्थिक स्थिति पर एक खतरे के रूप में देखते हैं। '' एएएनए ने प्रधानमंत्री से अपील की कि 1985 असम समझौते को अविलंब लागू किया जाए। उसने कहा, ‘‘ CAA और असम समझौते के बीच संघर्ष की किसी भी स्थिति में, असम की मूल आबादी के जन हित की प्रमुखता सुनिश्चित करने के लिए असम समझौते को प्राथमिकता दी जाए। ''
AANA ने प्रधानमंत्री से 13 अगस्त 2019 को लाए गए असम राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) के पूर्ण क्रियान्वयन के लिए उसमें आवश्यक सुधार कर उसे बेहतर करने की अपील भी की। पत्र में कहा, ‘‘ नागरिकता प्रदान करने और शरणार्थियों को बसाने के दौरान, असम के मूल निवासियों की सांस्कृति, सामाजिक और भाषाई पहचान की रक्षा और संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।''