प्रशांत भूषण ने SC से माफ़ी मांगने से फिर किया इनकार, बोले- मैं अपने विचार पर हूं कायम

Edited By vasudha,Updated: 24 Aug, 2020 02:13 PM

the country is waiting for the final decision of the supreme court

कोर्ट की अवमानना मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह उनका विचार था और वह उस पर कायम हैं। भूषण ने न्यायालय से कहा कि अपने विचारों को व्यक्त करने पर सशर्त अथवा बिना किसी...

नेशनल डेस्क: कोर्ट की अवमानना मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह उनका विचार था और वह उस पर कायम हैं। भूषण ने न्यायालय से कहा कि अपने विचारों को व्यक्त करने पर सशर्त अथवा बिना किसी शर्त माफी मांगना ठीक नहीं होगा। दरअसल उच्चतम न्यायालय द्वारा अधिवक्ता प्रशांत भूषण को न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक ट्वीट के लिये क्षमा याचना से इंकार करने संबंधी अपने बगावती बयान पर पुनर्विचार करने और बिना शर्त माफी मांगने के लिये दी गई डेडलाइन का आखिरी दिन था।

 

प्रशांत भूषण ने कहा कि मेरा बयान सद्भावनापूर्थ था। अगर मैं इस कोर्ट के समक्ष अपने बयान वापस लेता हूं, तो मेरा मानना है कि अगर मैं एक ईमानदार माफी की पेशकश करता हूं, तो मेरी नजर में मेरी अंतरात्मा और उस संस्थान की अवमानना होगी, जिसमें मैं सर्वोच्च विश्वास रखता हूं। उन्होंने आगे कहा कि आज के परेशानी भरे दौर में, भारत के लोगों को अगर किसी से उम्मीद बंधती है तो वो सर्वोच्च न्यायालय है ताकि देश में क़ानून व्यवस्था और संविधान को स्थापित रखा जा सके, नाकि किसी निरंकुश व्यवस्था को। 

न्यायालय ने अवमानना के लिये दोषी ठहराये गये भूषण की सजा के मामले पर दूसरी पीठ द्वारा सुनवाई का उनका अनुरोध ठुकराया दिया था। न्यायालय ने इस मामले में भूषण को दी जाने वाली सजा के सवाल पर सुनवाई पूरी करते हुये उनका यह अनुरोध भी अस्वीकार कर दिया था कि इस फैसले के खिलाफ अभी दाखिल की जाने वाली पुनर्विचार याचिका पर निर्णय होने तक सुनवाई स्थगित कर दी जाये। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा था कि अगर भूषण बिना शर्त माफीनामा दाखिल करते हैं तो वह 25 अगस्त को इसपर सुनवाई करेगी। 


भूषण को ‘लक्ष्मण रेखा' का ध्यान दिलाते हुये शीर्ष अदालत ने सवाल किया था कि इसे क्यों लांघा गया। पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि मुख्य मामले में सजा के सवाल पर दलीलें सुनी जा चुकी हैं। आदेश सुरक्षित रखा गया। हमने अवमाननाकर्ता (भूषण) को बिना शर्त क्षमायाचना करने के लिये, यदि वह ऐसा चाहें, समय दिया है। इसे 24 अगस्त तक दाखिल किया जाये। यदि क्षमा याचना दाखिल होती है तो इस पर विचार के लिये मामले को 25 अगस्त को सूचीबद्ध किया जाये।

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