Edited By shukdev,Updated: 10 Jan, 2019 05:45 PM
कॉन्फेडरेशन आॅफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में जीएसटी कॉउन्सिल द्वारा जीएसटी में दी गई छूटों का स्वागत करते हुए कहा की यह इस बात का स्पष्ट संकेत है की सरकार छोटे व्यापारियों की समस्याओं को सुलझाने के...
नई दिल्ली : कॉन्फेडरेशन आॅफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में जीएसटी कॉउन्सिल द्वारा जीएसटी में दी गई छूटों का स्वागत करते हुए कहा की यह इस बात का स्पष्ट संकेत है की सरकार छोटे व्यापारियों की समस्याओं को सुलझाने के प्रति सजग है और वास्तव में छोटे व्यापारियों के लिए कर प्रणाली को सरल करना चाहती है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने जीएसटी कॉउन्सिल के निर्णयों का स्वागत करते हुए कहा की इन निर्णयों से निश्चित रूप से देश में बड़ी संख्या में छोटे व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी और उनके सर से टैक्स की जटिलताओं का बोझ काम होगा।
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की जीएसटी में छूट की सीमा को 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 40 लाख रुपए करने से लगभग 10 लाख छोटे व्यापारी कर दायरे से बाहर हो सकते हैं जो एक अच्छा संकेत है। बेहद कम व्यापार करने वाले छोटे व्यापारियों के लिए यह एक बड़ी राहत है।उन्होंने कहा की कम्पोजीशन स्कीम की सीमा को 1 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपए करने का निर्णय काफी समय से लंबित था और इस निर्णय से देश भर में लगभग 20 लाख से अधिक व्यापारियों को फायदा होगा वहीँ दूसरी ओर अब ऐसे व्यापारियों को केवल वर्ष भर में एक ही रिटर्न भरनी होगी इससे इनको कर पालना के जंजाल से मुक्ति मिलेगी यद्यपि कर की अदायगी हर तिमाही में करनी होगी जो की तर्क संगत है।
सर्विस सेक्टर के लिए कम्पोजीशन स्कीम की सीमा 50 लाख रखने का निर्णय भी स्वागत योग्य है और इससे लगभग 10 लाख से अधिक छोटे सर्विस प्रदाताओं को लाभ मिलेगा। यह और भी तर्कसंगत है की इनको 6 प्रतिशत के कर स्लैब में रखा गया है।भरतिया एवं खंडेलवाल ने यह भी कहा कि व्यापारियों के कुछ अन्य विषयों पर सरकार का ध्यान जाना बेहद आवश्यक है इसमें प्रमुख रूप से समय से व्यापारियों को रिफंड मिलना, ऑटो पार्ट्स, एल्युमीनियम के बर्तन आदि पर कर की दर को कम करना तथा रिटर्न को मासिक की जगह तिमाही करना आदि शामिल हैं पर सरकार को ध्यान देना चाहिए और तुरंत इनका भी समाधान करना चाहिए।