Edited By rajesh kumar,Updated: 05 Aug, 2022 02:14 PM
एक एसटी बस चालक की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, लेकिन मरने से पहले उसने बस में सवार 25 यात्रियों की जान बचा ली। यह घटना सतारा हाईवे पर नसरपुर गांव के पास हुई और एसटी बस चालक का नाम जलिंदर पवार है।
नेशनल डेस्क: एक एसटी बस चालक की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, लेकिन मरने से पहले उसने बस में सवार 25 यात्रियों की जान बचा ली। यह घटना सतारा हाईवे पर नसरपुर गांव के पास हुई और एसटी बस चालक का नाम जलिंदर पवार है। जानकारी के मुताबिक, पालघर मंडल के वसई आगर से राज्य परिवहन निगम की एसटी बस यात्रियों को म्हसवड ले जा रही थी। इस संबंध में पुलिस द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि 3 अगस्त को वसई-म्हसवड (सतारा) एसटी बस (एमएच 14, बीटी 3341) दोपहर करीब 1.30 बजे स्वारगेट स्टेशन पर पहुंची। वहां ड्राइवरों को बदल दिया गया। बस चालक संतोष कांबले के स्थान पर जलिंदर पवार चालक के रूप में आए।
इसके बाद बस म्हसवड की ओर रवाना हुई। पुणे-सतारा हाईवे पर वरवे, नसरपुर गांव की सीमा पर बस के पहुंचने के बाद खेड़ शिवपुर के टोल प्लाजा को पार करते हुए बस की गति थोड़ी घीमी हो गई। मूल रूप से सतारा जिले के खतव तालुक के पलाशी गांव के 45 वर्षीय बस चालक जलिंदर रंगाराव पवार को चक्कर आने लगे। उस समय उनके साथी कंडक्टर संतोष गवली केबिन के पास पहुंचे और उनसे पूछा कि उन्होंने बस को धीमा क्यों किया, उस समय पवार का चेहरा पसीने से भीग गया था, उन्होंने कहा कि उन्हें चक्कर आ रहा है। कष्टदायी दर्द के बावजूद उन्होंने बस पर नियंत्रण नहीं छोड़ा और धीरे-धीरे बस को सड़क के बाईं ओर घुमाया और उसे एक सुरक्षित स्थान पर ले आए।
ड्राइवर को अपनी छाती में भारी दर्द महसूस हुआ और उन्होंने अपना सिर स्टीयरिंग व्हील पर रख लिया। कंडक्टर उन्हें जगाने के लिए केबिन में पहुंचे। उन्होंने उन्हें जगाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं उठे। इसके बाद ड्राइवर की हालात खराब होते देख कंडक्टर ने यात्रियों की मदद से पवार को इलाज के लिए नसरपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां, डॉक्टरों ने चेकअप करने के बाद कहा कि उनकी मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गई है। इस घटना ने अज्ञात चालक के लिए भी सभी एसटी यात्रियों की आंखों में आंसू ला दिए। उनकी मृत्यु के बाद उनके शरीर का पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद उसका शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया।