फ्रेट कॉरिडोर पर नये आत्मनिर्भर भारत की गूंज और गर्जना स्पष्ट सुनाई देगी : मोदी

Edited By Chandan,Updated: 29 Dec, 2020 09:20 PM

the echo of the new india on the freight corridor will be heard clearly modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के पहले मालगाडिय़ों के लिए अलग से बनाए गए रेलवे ट्रैक (ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) का शुभारंभ किया। 351 किलोमीटर लम्बे इस न्यू खुर्जा-न्यू भाऊपुर खंड पर पहली मालगाड़ी को प्रधानमंत्री ने हरी झंडी...

नई दिल्ली/सुनील पांडेयः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के पहले मालगाडिय़ों के लिए अलग से बनाए गए रेलवे ट्रैक (ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) का शुभारंभ किया। 351 किलोमीटर लम्बे इस न्यू खुर्जा-न्यू भाऊपुर खंड पर पहली मालगाड़ी को प्रधानमंत्री ने हरी झंडी दिखाई। इसके साथ ही प्रयागराज में बनाए गए हाईटेक नियंत्रण केन्द्र (ओसीसी) का शुभारंभ भी किया। इस खंड को 5,750 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया  है।

 

बता दें कि इस खंड के बन जाने से मौजूदा कानपुर-दिल्ली मुख्य लाइन पर भीड़ कम होगी और यह भारतीय रेलों की गति बढ़ाने में भी सक्षम होगा।  इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'न्यू खुर्जा-न्यू भाऊपुर रेलखंड फ्रंट कॉरीडोर रुट पर पहली मालगाड़ी दौड़ेगी तो उसमें नये आत्मनिर्भर भारत की गूंज और गर्जना स्पष्ट सुनाई देगी। आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली इतिहास को 21वीं सदी की नई पहचान देने वाला है और भारत व भारतीय रेल की सामर्थय बढ़ाने वाला है। मोदी ने कहा कि मालगाडिय़ों के लिए सर्मिपत फ्रेड कॉरिडोर, आत्मनिर्भर भारत के बहुत बड़े माध्यम बनेंगे। चाहे अलीगढ़ के ताला निर्माता हों या राजस्थान के संगमरमर व्यापारी, मलीहाबाद के आम उत्पादक हों या कानपुर और आगरा का चमड़ा उद्योग, हर किसी के लिए यह अवसर ही अवसर लेकर आया है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना के निर्माण में विलंब के लिए पिछली सरकार पर हमला किया और कहा कि परियोजना को 2006 में अनुमति दी गई थी लेकिन, यह केवल कागज पर चलती रही। 2014 तक इस परियोजना पर एक किलोमीटर का भी ट्रैक नहीं बिछाया गया था और न ही स्वीकृत धन को ठीक से खर्च किया जा सका। 2014 में जब इसकी शुरुआत की गई तब तक बजट 11 गुना बढ़ गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आठ साल में एक किलोमीटर भी काम नहीं हुआ और छह साल में 1100 किलोमीटर निर्माण हुआ। आप इसकी गंभीरता की कल्पना कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाडिय़ां दोनों एक ही पटरी पर  चलती हैं। मालगाड़ी की गति धीमी होती है, ऐसे में इन गाडिय़ों को रास्ता देने के लिए यात्री ट्रेनों को रोका जाता है जिससे दोनों ट्रेनें विलंब से चलती हैं। मोदी ने कहा कि मालगाडिय़ों के लिए सर्मिपत फ्रेड कॉरिडोर, आत्मनिर्भर भारत के बहुत बड़े माध्यम बनेंगे।

 

दुनिया का सबसे बड़ा ट्रैफिक कंट्रोम रूम बना
प्रयागराज में स्थित परिचालन नियंत्रण केंद्र का भी उद्घाटन किया गया। यह मालगाडिय़ों के संचालन के लिए विश्व के सबसे बड़े परिचालन नियंत्रण केंद्रों में से एक है।  पश्चिम बंगाल के दानकुनी से पंजाब के लुधियाना तक पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 1856 किलोमीटर के कॉरिडोर के लिए तंत्रिका केंद्र के रूप में काम करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में स्थित इस परिचालन नियंत्रण केंद्र नये भारत के नये सामथ्र्रय का प्रतीक है। यह दुनिया के बेहतरीन आधुनिक कंट्रोल सेंटर में से एक है और यह सुनकर किसी को भी गर्व होगा कि इसमें प्रबंधन और डेटा से जुड़ी जो तकनीक है वह भारत में ही, भारतीय युवाओं ने तैयार की है।  

 

इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए : मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। देश का इंफ्रास्ट्रक्चर किसी दल की विचारधारा का नहीं, देश के विकास का मार्ग होता है। यह पांच साल की राजनीति का नहीं, बल्कि आने वाली अनेक पीढिय़ों को लाभ देने का मिशन है। राजनीतिक दलों को अगर स्पर्धा करनी ही है तो इंफ्रास्ट्रक्चर की क्वालिटी, स्पीड और स्केल को लेकर स्पर्धा करें। मोदी ने आंदोलन के दौरान होने वाली तोड़ फोड़ पर भी सजग किया। साथ ही कहा यहां एक मानसिकता, प्रदर्शन और आंदोलन में देखने को मिलती है और यह मानसिकता देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाती है। यह किसी दल, किसी नेता की नहीं बल्कि यह संपत्ति, हर नागरिक और समाज के हर वर्ग की है। इसमें सबका पसीना लगा है और इस पर लगने वाली चोट देश पर चोट है। उन्होंने कहा कि  हमें अपने अधिकार के साथ अपना राष्ट्रीय दायित्व नहीं भूलना चाहिए।

 

देश की प्राथमिकता है बेहतरीन कनेक्टिविटी : मोदी
इंफ्रास्ट्रक्चर किसी भी राष्ट्र की सामथ्रय का सबसे बड़ा स्रोत होता है। इंफ्रास्ट्रक्चर में भी कनेक्टिविटी राष्ट्र की नसें होती हैं, नाडिय़ां होती हैं और जितनी बेहतर ये नसें होती हैं, उतना ही कोई राष्ट्र स्वस्थ और सामथ्र्यवान होता है। मोदी ने कहा आज जब भारत दुनिया की बड़ी आॢथक ताकत बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ बीते छह वर्षों से भारत में काम किया जा रहा है।  उन्होंने कहा, हाइवे हो, रेलवे हो, एयरवे हो, वाटरवे हो, आॢथक रफ्तार के लिए जरूरी इन पहियों को ताकत दी जा रही है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का लोकार्पण इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। आज जब दुनिया की बड़ी आॢथक शक्ति बनने की दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। मोदी ने कहा कि यह फ्रेट कॉरिडोर औद्योगिक रूप से पीछे रह गये पूर्वी भारत को नई ऊर्जा देने वाला है। इसका करीब 60 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में हैं और वहां के हर छोटे बड़े उद्योग को इसका लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फ्रेट कॉरिडोर आत्मनिर्भर भारत के लिए बहुत बड़ा माध्यम होगा।

 

मालगाडिय़ों की स्पीड तीन गुना हो जाएगी
 डीएफसी के चलते मालगाडिय़ों की स्पीड तीन गुना हो जाएगी और माल गाडिय़ां पहले से दो गुना सामान की ढुलाई कर सकेंगी और इस ट्रैक पर डबल डेकर मालगाड़ी चलाई जाएंगी।   इससे सामान पहुंचाने का खर्च कम होगा और इससे हमारे निर्यात को लाभ होगा, उद्योग को लाभ मिलेगा और निवेश के लिए भारत आकर्षक गंतव्य बनेगा। अब नये फ्रेट कॉरिडोर में किसान रेल और अधिक तेजी से अपने गंतव्य पर पहुँचेगी, उत्तर प्रदेश में कई रेलवे स्टेशन किसान रेल से जुड़ गये हैं और अब स्टेशनों पर भंडारण की क्षमता बढ़ाई जा रही है। उत्तर प्रदेश के 45 माल गोदामों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया है। इसके अलावा, राज्य में आठ नए गुड शेड भी बनाए गए हैं। साथ ही वाराणसी और गाजीपुर में दो बड़े पेरिशेबल कार्गो सेंटर पहले से ही किसानों को सेवा दे रहे हैं।

 

रेलवे ने माल ढुलाई से नुकसान की भरपाई की : पीयूष गोयल
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोविड-19 की चुनौती के बावजूद रेलवे ने अपने माल ढुलाई से हुए नुकसान की भरपाई लगभग कर ली है। कोविड -19 चुनौती के बावजूद नुकसान की भरपाई 5 महीनों में किए गए सुधार और अर्थव्यवस्था की बढ़ती मजबूती से संभव हुई। इसके साथ ही दावा किया कि मार्च 2021 तक पिछले वर्ष की तुलना में अधिक माल का परिवहन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से न केवल माल का परिवहन होगा, बल्कि विकास भी होगा।

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