Edited By Pardeep,Updated: 29 Mar, 2021 09:34 PM
केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर सोमवार को होली और ‘होला मोहल्ला'' मनाया। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि उनका आंदोलन तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर
नई दिल्लीः केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर सोमवार को होली और ‘होला मोहल्ला' मनाया। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि उनका आंदोलन तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक अलग कानून बनाए जाने तक जारी रहेगा।
किसान सिंघू, टिकरी और गाज़ीपुर बॉर्डरों पर पिछले साल नवंबर के अंत से केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने होली का त्योहार सांस्कृतिक कार्यक्रम और एक नाटक ‘उथन डा वेला' के जरिए मनाया। नाटक का मंचन लोक कला मंच मंडी मुल्लामपुर ने किया था।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने मीडिया से कहा, “ हमने सभी प्रदर्शन स्थलों पर होली मनाई। सिखों ने भी होला मोहल्ला उत्सव मनाया। हरियाणा के नजदीकी गांवों से महिलाएं प्रदर्शन स्थलों पर आईं और प्रदर्शनकारियों को कपड़े की चाबुक से मारकर पारंपरिक तरीके से होली खेली।”
वकील जोगिंदर सिंह टूर ने ‘इन कानूनों में काला क्या' नाम से एक किताब का विमोचन किया, जिनमें नये कृषि कानूनों को विस्तार से समझाया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा कि किसानों ने रविवार को ‘होलिका दहन' के दौरान केंद्र के नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं। संयुक्त किसान मोर्चा में प्रदर्शनकारी किसानों के 40 संघ शामिल हैं।