Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Mar, 2019 01:11 PM
गुजरात में आणंद जिले के मलातज गांव के किसान बाबूभाई परमार की आदी रात को नींद खुली तो उनके होश उड़ गए जब उन्होंने अपनी चारपाई के नीचे दो चमकती आंखें देखीं।
बाबूभाई धीरे से चारपाई से उठे और लाइट जलाकर देखा तो वे घबरा गए।
आणंदः गुजरात में आणंद जिले के मलातज गांव के किसान बाबूभाई परमार की आदी रात को नींद खुली तो उनके होश उड़ गए जब उन्होंने अपनी चारपाई के नीचे दो चमकती आंखें देखीं। बाबूभाई धीरे से चारपाई से उठे और लाइट जलाकर देखा तो वे घबरा गए। दरअसल उनकी चारपाई के नीचे एक 8 फुट लंबा मगरमच्छ बैठा हुआ था। बिना देर किए बाबूभाई ने गांव वालों को इकट्ठा किया और वन विभाग को इसकी जानकारी दी। बताया जा रहा है कि मगरमच्छ मलातज गांव से 500 मीटर दूर स्थित एक तालाब से आया था जिसे पकड़कर वापस तालाब में छोड़ दिया गया।
किसान बाबुभाई ने बताया कि वह हर दिन की तरह पशुओं को बाड़े में बांधकर घर में आया और खाट पर सो गया। तभी आधी रात को कुत्तों के भौंकने की आवाज आई तो उनकी नींद खुल गई। उन्हें अपनी चारपाई के नीचे दो आंखें चमकती दिखी तो किसी तरह खाट से उतरे और लाइट जलाकर देखा तो वहां मगरमच्छ था। बाबूभाई ने बताया कि वह गहरी नींद में थे इसलिए मगरमच्छ के अंदर आने की भनक नहीं लगी। वन विभाग को इसकी जानकारी दी गई। सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी और दया फाउंडेशन के सदस्य मौके पर पहुंचे और मगरमच्छ को पकड़ने के लिए जाल बिछाया लेकिन वह अपनी जगह से टस से मस न हुआ।
दया फाउंडेशन के अधिकारियों ने जब ध्यान से देखा तो पता चला कि यह मादा मगरमच्छ है और गर्भवती थी जो अंडे देने वाली थी। इसके बाद अधिकारियों ने सावधानी से मगरमच्छ को वहां से हटाया और वापिस उसे तालाब में डाला गया। मलातज गांव यहां के मगरमच्छों की वजह से काफी प्रचलित है। इस गांव के पास जो तलाब है वहां करीब 200 से ज्यादा मगरमच्छ हैं। गांव के लोगों ने कहा कि हमें अब इनकी आदत हो गई है। वहीं गांव वाले भी मगरमच्छों की काफी पूजा करते हैं।