Edited By Yaspal,Updated: 05 Dec, 2018 11:47 PM
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति के फर्जी मुठभेड़ कांडों की अंतिम सुनवाई के दौरान यहां की एक अदालत से कहा कि बयान से मुकर जाने वाले गवाहों से जांच में बाधा पहुंची। अंतिम दलीलें...
मुम्बईः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति के फर्जी मुठभेड़ कांडों की अंतिम सुनवाई के दौरान यहां की एक अदालत से कहा कि बयान से मुकर जाने वाले गवाहों से जांच में बाधा पहुंची। अंतिम दलीलें सोमवार को शुरु हुई थी । सभी 22 आरोपियों के वकीलों ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश एस जे शर्मा के सामने अपनी अपनी दलीलें पेश कीं। इसी के साथ यह काम पूरा हुआ। ज्यादातर आरोपी गुजरात और राजस्थान के पुलिसकर्मी हैं।
सीबीआई के अनुसार आतंकी संबंध वाले संदिग्ध गैंगस्टर शेख और उसकी पत्नी कौसर बी को गुजरात पुलिस ने 2005 में कथित फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था। शेख के साथी प्रजापति को अगले साल गुजरात और राजस्थान के पुलिसर्किमयों ने दूसरी फर्जी मुठभेड़ में मौत की नींद सुला दिया था। प्रजापति पहली मुठभेड़ का चश्मदीद था। इस मामले की प्रारंभिक जांच गुजरात सीआईडी ने की थी। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर इसकी जांच 2010 में सीबीआई के हाथ में सौंप दी गयी थी।
सीबीआई के वकील बी पी राजू ने बुधवार को कहा कि कुछ अहम गवाह सुनवाई के दौरान अपने बयान से पलट गये जिससे मामले की जांच में बाधा पहुंची। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर इस मामले की सुनवाई सितंबर, 2012 में गुजरात से मुम्बई स्थानांतरित कर दी गयी थी।