Edited By vasudha,Updated: 14 Jul, 2020 04:11 PM
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के कारण अपने घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों के बच्चों की शिक्षा के संबंध में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिये मंगलवार को दिशा निर्देश जारी किया और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि बच्चों का नाम...
नेशनल डेस्क: मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के कारण अपने घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों के बच्चों की शिक्षा के संबंध में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिये मंगलवार को दिशा निर्देश जारी किया और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि बच्चों का नाम स्कूलों से नहीं काटा जाए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा कि राज्यों से कहा गया है कि वे ऐसे बच्चों का डाटा बैंक तैयार करें जो दूसरे राज्यों से या उसी राज्य के दूसरे हिस्से से कहीं और चले गए।
ऐसे बच्चों को डाटा बैंक में ‘प्रवासी' या ‘अस्थायी तौर पर अनुपलब्ध' के रूप में दर्ज किया जायेगा। ऐसा डाटा बैंक प्रत्येक स्कूल द्वारा तैयार किया जा सकता है और इसमें उनके स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क करके अथवा फोन, व्हाट्सएप, पड़ोसी से सम्पर्क करके जानकारी जुटायी जा सकती है। इस डाटा बैंक में उक्त अवधि के दौरान उनके रूकने के स्थान की जानकारी भी दर्ज की जा सकती है। ऐसे बच्चे जो चले गए हैं, उन्हें नामांकन में प्रवासी या अस्थायी तौर पर अनुपलब्ध के रूप में दर्शाया जा सकता है ।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अपने दिशानिर्देश में कहा कि पूरी तरह से सतर्कता बरती जाए कि बच्चों का नाम स्कूल से नहीं काटा जाए क्योंकि उनके किसी भी समय लौटने की हमेशा संभावना रहती है। उनकी संख्या कक्षावर रूप से शिक्षा महानिदेशालय को बतायी जा सकती है ताकि उन्हें मध्याह्न भोजन, पुस्तकों एवं पोशाकों के वितरण से जुड़ी लागत की भरपायी की जा सके, अगर यह पहले नहीं की गयी है। मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि राज्य सरकार प्रत्येक स्कूल को यह निर्देश दे सकती हैं कि हाल ही में गांव में लौटे बच्चों को पहचान के किसी साक्ष्य के सिवाय और कोई दस्तावेज मांगे बिना दाखिला दिया जाए।