Edited By ,Updated: 27 Nov, 2016 04:45 PM
देश में नोटबंदी के जरिए ब्लैकमनी पर स्ट्राइक करने के बाद सरकार अब विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए कदम उठा रही है...
नई दिल्ली : देश में नोटबंदी के जरिए ब्लैकमनी पर स्ट्राइक करने के बाद सरकार अब विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए कदम उठा रही है। भारत ने पिछले महीनों में कम से कम 20 प्रशासनिक सहायता से जुड़े अनुरोध स्विट्जरलैंड से किए हैं। सरकार ने टैक्स बचा कर स्विस बैंकों में पैसा जमा करने वालों की जानकारी मांगी है।
इस लिस्ट में कम से कम 3 लिस्टेड कंपनियां, रियल स्टेट का एक बड़ा नाम, दिल्ली के एक नौकरशाह की पत्नी, भारतीय मूल के दुबई में रहने वाले बैंकर और कुछ गुजराती बिजनसमैन के नाम हैं।प्रशासनिक सहायता में किसी देश को अपने नागरिक द्वारा टैक्स चोरी करने का सबूत स्विट्जरलैंड को देना होता है, जिसके बाद स्विस प्रशासन उनका आकलन करने के बाद फेडरल गजेट जारी करता है।
भारत और स्विट्जरलैंड ने पिछले हफ्ते नया पैक्ट साइन किया है। जिसके अनुसार सिंतबर 2018 के बाद से खातों की जानकारी की आसानी से अदला-बदली की जा सकेगी। पहले भी कई भारतीय खातों की जानकारी भारत द्वारा मांग करने पर सांझा की गई थी। नवंबर से अब तक 5 भारतीयों के नाम फेडरल नोटिफिकेशन के जरिए जारी हुए हैं।
काफी पहले से स्विट्जरलैंड विदेशियों के खातों के बारे में जानकारी को गुप्त रखने के लिए जाना जाता रहा है। अब वैश्विक दबाव के कारण सबूत मुहैया कराने की शर्त पर कुछ मामलों में खातों की जानकारी सार्वजनिक कर रहा है।