जो सरकार प्रश्नपत्र नहीं संभाल पाई, वह देश को क्या सुरक्षित रखेगी: कपिल सिब्बल

Edited By Seema Sharma,Updated: 30 Mar, 2018 04:32 PM

the government which can not handle the question papers kapil sibbal

सीबीएसई परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने का मुद्दा तूल पकड़ने के बीच आज कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अभी तक माफी क्यों नहीं मांगी? पार्टी ने परीक्षा व्यवस्था में माफिया के हावी होने का आरोप लगाते हुए दावा किया...

नई दिल्ली: सीबीएसई परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने का मुद्दा तूल पकड़ने के बीच आज कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अभी तक माफी क्यों नहीं मांगी? पार्टी ने परीक्षा व्यवस्था में माफिया के हावी होने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि सरकार ने अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जिससे यह संदेश जाए कि वह माफिया को खत्म करेगी। पार्टी ने यह भी दावा किया कि, ‘‘जो सरकार प्रश्नपत्र सुरक्षित नहीं रख पाती, वह देश को क्या सुरक्षित रखेगी।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि ऐसा लगता है कि माफिया ने इस देश की परीक्षा व्यवस्था को अपने नियंत्रण में कर लिया है। उन्होंने कहा कि आपको याद है कि जब व्यापम हुआ था तो कौन माफिया काम कर रहा था? ‘‘कौन लोग पैसे देकर दूसरे लोगों को बैठा रहे थे। उम्मीदवार कौन था और परीक्षा कोई और दे रहा था। पैसे का लेनदेन हो रहा था..आहिस्ता-आहिस्ता सामने आयेगा कि कौन-कौन बड़े लोग थे? एसएससी भर्ती के घोटाले में भी माफिया। और अब सीबीएसई में भी घोटाला।’’

बच्चों से किसी ने नहीं मांगी माफी
उन्होंने कहा कि इस बारे में प्रधानमंत्री मौन हैं। 20 लाख बच्चों को दोबारा परीक्षा देना पड़े..इस बारे में प्रधानमंत्री क्या चिंतित नहीं हैं? ‘‘आज जो बच्चे सड़कों पर आ गए हैं, उनसे किसी ने माफी नहीं मांगी, किसी ने सॉरी नहीं कहा। क्या इतना घमण्ड है कि मैं सॉरी क्यों कहूं?’’ सिब्बल ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि 20 लाख बच्चों का इम्तिहान एक ही पेपर से लिया जा रहा है। पहले अलग-अलग जोन में भिन्न पेपर होते थे। हम उसमें भी बदलाव करते थे। मान लीजिए कोई सवाल पहले नंबर पर होता था तो दूसरी जगह वही सवाल तीसरे नंबर पर हो जाता था। इससे यदि कुछ गड़बड़ी हुई भी तो फिर से परीक्षा केवल कुछ छोटी-सी जगह पर होती थी। उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने इतिहास में पहली बार इस प्रणाली को बदला क्यों? क्या इसके पीछे कोई दबाव था? उन्होंने यह भी कहा कि एचआरडी मंत्री ने आज तक यह नहीं बताया कि यह बदलाव किसने करवाया?  

सरकार ने बढ़ाई बच्चों की चिंता
सिब्बल ने कहा, ‘‘मैंने दसवीं बोर्ड (परीक्षा) को वैकल्पिक रखने का सुझाव दिया था। सतत समग्र आकलन होना चाहिए, ग्रेडिंग प्रणाली होनी चाहिए ताकि बच्चों का तनाव खत्म हो सके।’’ उन्होंने ध्यान दिलाया कि कई बच्चे तो परीक्षा के तनाव में आत्महत्या तक कर लेते हैं। ‘‘मैंने इस पर रोक लगाने की कोशिश की किंतु इन्होंने (वर्तमान सरकार ने) इसे नकार दिया।’’ पूर्व एचआरडी मंत्री ने कहा कि अब बच्चे दोबारा परीक्षा में बैठेंगे इससे न केवल उनका बल्कि अभिभावकों का तनाव भी बहुत बढ़ता है। उन्होंने दावा किया, ‘‘सरकार ने आज तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जिससे जनता में यह संदेश जाए कि हम माफिया को खत्म करेंगे। यह तो माफिया को बचाने में लगे हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ऐसी सूचना मिली है कि बिहार में एक परीक्षा पत्र के लिए 25 हजार रुपए दिए गए। उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड में मेडिकल शिक्षा संस्थान में फीस को छह लाख रुपए से बढ़ाकर 23 लाख कर दिया गया। बच्चे इसका विरोध कर रहे हैं।

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