Edited By vasudha,Updated: 09 Mar, 2021 10:09 AM
सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि ससुराल में पत्नी को लगी चोट के लिए पति जिम्मेदार ठहराया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि भले ही यह चोट किसी अन्य रिश्तेदार की वजह से आई हो लेकिन इसके लिए पति को ही जिम्मेदार...
नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि ससुराल में पत्नी को लगी चोट के लिए पति जिम्मेदार ठहराया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि भले ही यह चोट किसी अन्य रिश्तेदार की वजह से आई हो लेकिन इसके लिए पति को ही जिम्मेदार माना जाएगा।
महिला ने ससुराल वालों पर लगाया मारपीट का आरोप
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने उस शख्स की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिस पर अपनी ही पत्नी से मारपीट का आरोप था। पुरुष की यह तीसरी शादी है और महिला की दूसरी। पिछले साल महिला ने अपने पति, ससुर और सास के खिलाफ लुधियाना पुलिस में खुद पर कथित हमले की शिकायत दर्ज कराई थी। महिला का आरोप था कि दहेज की मांग पूरी ना होने पर उसके ससुराल वाले उससे मारपीट करते हैं।
कोर्ट ने पति को लगाई फटकार
महिला ने आरोप लगाया है कि उसका पति उसे गला दबाकर मारने वाला था। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने पति को फटकार लगाते हुए कहा कि आप किस तरह के आदमी हैं कि एक क्रिकेट बैट से अपनी पत्नी को पीटते हैं?' इस दौरान जब वकील ने कहा कि 'महिला ने खुद आरोप में कहा है कि उसके ससुर उसे बैट से पीटा करते थे। तब पीठ ने कहा कि 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता किआपके पिता या आप उसे बैट से मारा करते थे। जब ससुराल में एक महिला को चोट लगती है तो प्राथमिक जिम्मेदारी पति की होती है।
पति की याचिका खारिज
पीठ ने कहा कि जब किसी महिला के ससुराल में चोटे लगी हो तो प्राथमिक दायित्व पति का है। ' इसके बाद बेंच ने पति की याचिका खारिज कर दी. इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने भी पति को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया था।