Edited By vasudha,Updated: 09 May, 2020 03:03 PM
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एक मालगाड़ी से हुए हादसे में जीवित बचे लोगों में से एक ने कहा कि वह इस दुर्घटना के भयानक दृश्य को नहीं भूल सकता है। शुक्रवार को हुए इस हादसे में 16 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई थी...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एक मालगाड़ी से हुए हादसे में जीवित बचे लोगों में से एक ने कहा कि वह इस दुर्घटना के भयानक दृश्य को नहीं भूल सकता है। शुक्रवार को हुए इस हादसे में 16 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई थी। अपने 16 साथियों के शव के साथ एक ट्रेन से मध्य प्रदेश में अपने पैतृक स्थान जा रहे शिवमान सिंह ने कहा कि जब वह अपने साथियों को अपने सामने मरता हुआ देखता है तो वह इस पर क्या कह सकता है।
शिवमान सिंह ने कहा किइस दुर्घटना के बाद वह सो नहीं सका क्योंकि इस हादसे की डरावनी तस्वीरें उसके दिमाग में है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार की सुबह इस हादसे के बाद, बहुत सारी चीजें हुईं। मैं थका हुआ था और मैं शायद ही रात में सो पाया हूं क्योंकि मेरे दिमाग में दुर्घटना की भयानक तस्वीरें आती रहीं। अपने सामने हुई इस दुर्घटना को मैं भूल नहीं पा रहा हूं। दुर्घटना के बाद, हम पीड़ितों की पहचान करने में अधिकारियों की मदद करने में व्यस्त थे और उनके सवालों के जवाब दे रहे थे।
सिंह और 19 अन्य औरंगाबाद के निकट स्थित जालना में एक इस्पात निर्माण इकाई में काम करते थे और लॉकडाउन के मद्देनजर मध्य प्रदेश में अपने घरों की ओर पैदल जा रहे थे। उन्होंने लगभग 36 किलोमीटर चलने के बाद औरंगाबाद से लगभग 30 किलोमीटर दूर करमाड के निकट रेल पटरियों पर चलने का फैसला किया। सुबह पांच बजकर 15 मिनट पर जालना से आ रही एक मालगाड़ी की चपेट में आने से उनमें से 16 लोगों की मौत हो गई और चार अन्य बच गये।
हादसे में बचे एक अन्य व्यक्ति वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हमने अपने गृह राज्य की यात्रा के लिए एक सप्ताह पहले आवेदन किया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मेरी पत्नी और बच्चे मेरे पैतृक गांव में हैं। हमने भुसावल तक अपनी यात्रा पैदल करने का फैसला किया था।