Edited By Yaspal,Updated: 14 Dec, 2018 07:18 PM
वामदलों ने लड़ाकू विमान राफेल के मामले में उच्चतम न्यायालय के शुक्रवार को आये फैसले के आलोक में कहा कि इस विमान की खरीद में कथित गड़बड़ी के आरोपों का सच...
नई दिल्लीः वामदलों ने लड़ाकू विमान राफेल के मामले में उच्चतम न्यायालय के शुक्रवार को आये फैसले के आलोक में कहा कि इस विमान की खरीद में कथित गड़बड़ी के आरोपों का सच उजागर करने के लिये संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच ही एकमात्र उपाय है।
सीताराम येचुरी ने क्या कहा
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि राफेल का सच सामने लाने के लिये जेपीसी ही एकमात्र कारगर तरीका है। येचुरी ने कहा ‘‘इस मामले में हम जेपीसी के गठन की मांग को लगातार उठा रहे हैं। मोदी द्वारा जेपीसी की मांग को ठुकराना दोषसिद्धि का सबसे बड़ा सबूत है।’’ भाकपा ने भी कहा कि संसद देश में सर्वोच्च संस्था है। भारत द्वारा फ्रांस के साथ किये गये कई अरब डालर के इस रक्षा सौदे की जेपीसी जांच की जानी चाहये।
राफेल पर क्या बोले डी राजा
भाकपा के राज्यसभा सदस्य डी राजा ने कहा ‘‘हमारे लोकतंत्र में संसद सर्वोच्च है। राफेल सौदे की जेपीसी जांच होनी चाहिये। यह सभी विपक्षी दलों की मांग है।’’ राजा ने कहा कि सरकार आखिरकार जेपीसी जांच से बच क्यों रही है। सरकार को जेपीसी से जांच कराना चाहिये जिससे सच अपने आप सामने आ जायेगा।’’ भाकपा महासचिव सुधाकर रेड्डी ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को सरकार के लिये राफेल सौदे पर ‘क्लीन चिट’ मानने से इंकार करते हुये कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को लगातार उठाती रहेगी और सरकार पर जेपीसी के गठन का लगातार दबाव बनाती रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कीं याचिका
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे को चुनौती देने वाली याचिकायें यह कहते हुये खारिज कर दीं कि सौदे को निरस्त करने के लिये इसके ‘‘निर्णय लेने की प्रक्रिया पर वास्तव में संदेह करने की कोई वजह’’ नहीं है।