Edited By Yaspal,Updated: 02 May, 2018 08:44 AM
भारत और चीन की सेना ने मंगलवार को बॉर्डर पर्सनल मीटिंग की। इसमें दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा शांति कायम रखने और विश्वास बहाली के अतिरिक्त उपायों पर काम करने का संकल्प लिया।
इंटरनेशनल डेस्कः भारत और चीन की सेना ने मंगलवार को बॉर्डर पर्सनल मीटिंग की। इसमें दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा शांति कायम रखने और विश्वास बहाली के अतिरिक्त उपायों पर काम करने का संकल्प लिया।
बीपीएम की यह बैठक लद्दाख के चुलुस में हुई, सूत्रों के मुताबिक यह रस्मी बीपीएम था और बैठक के दौरान सीमा प्रबंधन के मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि बातचीत विवादित सीमा पर तनाव को कम करने और अविश्वास को पाटने के उपायों पर केंद्रित थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पिछले हफ्ते चीनी शहर वुहान में अनौपचारिक शिखर वार्ता करने के बाद दोनों देशों के बीच इस तरह की यह पहली बैठक हैं। मोदी और जिनपिंग ने सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर दोनों देशों के बीच रणनीतिक संचार को मजबूत करने सहमति जताई थी।
अनौपरारिक शिखर वार्ता में दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष ने अपने-अपने देशों की सेनाओं के बीच संवाद को मजबूत बनाने और दोनों देशों के सीमा सुरक्षाबलों के बीच विश्वास और समझ बनाने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन जारी करने फैसला किया था। यह फैसला डोकलाम में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 73 दिनों तक चले गतिरोध के कुछ महीने बाद किया गया।
सूत्रों ने बताया कि भारत और चीन की सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव को कम करने के लिए कई कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच भरोसे का निर्माण करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और सीमा पर तनाव कम करने के उपायों पर विचार किया जा रहा है। इसमें मिलजुल कर गश्त लगाने समेत अन्य कदम शामिल है।
सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तालमेल करके गश्त लगाने के तहत प्रत्येक पक्ष दूसरे पक्ष को विवादित क्षेत्र में अपना गश्ती दल भेजने से पहले सूचना देगा। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष स्थानीय घटनाओं का हल 2003 के समझौते के प्रावधानों के मुताबिक करेंगे। दोनों पक्ष भारतीय सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) और उनके चीनी समकक्ष के बीच काफी समय से लंबित हॉटलाइन स्थापित करने पर भी काम कर रहे हैं।