Edited By ,Updated: 30 Nov, 2015 08:06 PM
कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा की केबिनेट मंत्री रहते हुए गुजरात के द्वारिका मंदिर में जाति पूछे जाने के मुद्दे पर आज राज्यसभा में सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के बीच जमकर नोक झोंक हुई।
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा की केबिनेट मंत्री रहते हुए गुजरात के द्वारिका मंदिर में जाति पूछे जाने के मुद्दे पर आज राज्यसभा में सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के बीच जमकर नोक झोंक हुई। शैलजा ने मंत्रियों सहित सत्ता पक्ष के सदस्यों पर उन्हें बोलने से रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज सदन में सत्ता पक्ष का असली चेहरा सामने आ गया है।
उन्होंने कहा कि इनकी मानसिकता अभी भी नहीं बदली है और ये दिखावे तथा राजनीतिक फायदे के लिए केवल दो दिन बाबा साहेब अंबेडकर के बारे में चर्चा कर रहे हैं। डा. अंबेडकर की 125 वीं जयंती समारोह के तहत संविधान पर सदन में चल रही चर्चा में भाग लेते हुए सुश्री शैलजा ने कहा कि आजादी के दशकों बाद भी देश में लोगों के दिलों से जाति प्रथा और भेदभाव खत्म नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री रहते हुए जब वह गुजरात में भगवान कृष्ण के द्वारिका मंदिर में दर्शन के लिए गई तो वहां पुजारी ने उनकी जाति पूछी। उनहोंने पूछा कि क्या यही गुजरात माडल है। गुजरात से भाजपा के सदस्य मनसुखभाई मंडाविया ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि वहां के मंदिरों में किसी की जाति नहीं पूछी जाती।