चार साल में बनेगा किलोग्राम का नया बाट, 60 करोड़ होंगे खर्च

Edited By shukdev,Updated: 19 Nov, 2018 07:47 PM

the new entrance of kilograms 60 crore will be spent in four years

नए अंतर्राष्ट्रीय फार्मूले के अनुरूप देश में एक किलोग्राम के सटीक नए बाट तैयार करने में तीन से चार साल का समय लगेगा और इस पर करीब 60 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश कुमार श्रीवास्तव और राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला के निदेशक...

नई दिल्ली: नए अंतर्राष्ट्रीय फार्मूले के अनुरूप देश में एक किलोग्राम के सटीक नए बाट तैयार करने में तीन से चार साल का समय लगेगा और इस पर करीब 60 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश कुमार श्रीवास्तव और राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला के निदेशक दिनेश असवाल ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बजट उपलब्ध होने के बाद तीन से चार साल में बाट तैयार हो जाएगा। देश में एक ग्राम का बाट तैयार कर लिया गया है। 

PunjabKesariउन्होंने बताया कि मापतौल को लेकर 60 देशों के प्रतिनिधियों के सम्मेलन में एक किलोग्राम वजन के बराबर की वस्तु के प्रोटोटाइप में बदलाव करने तथा एक किलोग्राम के बाट को अधिक वैज्ञानिक बनाने को लिए ‘केबल बैलेंस फार्मूला’ बनाने का निर्णय लिया गया। पहले दुनिया के अधिकांश देश फ्रांस में रखे एक किलोग्राम के मेन प्रोटोटाइप से अपने प्रोटोटाइप का मिलान करते थे। 

PunjabKesariकुमार और असवाल ने बताया कि यदि एक किलोग्राम में 10 माइक्रोग्राम (ग्राम का एक लाखवां हिस्सा) या इससे ज्यादा की कमी आती है तो इसका दवा उद्योग पर बुरा असर होगा। कई बार माप के सटीक नहीं होने के कारण दवाएं काम नहीं करती हैं या ओवर डोज हो जाता है। दवा उद्योग के अलावा नैनो प्रौद्योगिकी और बायो प्रौद्योगिकी को नए माप का फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि माप की इकाई मीटर में भी बदलाव किया जाएगा और यह लेजर इंटर फैरो मीटर पर आधारित होगा। 

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