दिल्ली का इकलौता अस्पताल, जहां होता है एमआरआई

Edited By vasudha,Updated: 30 Jun, 2019 10:43 AM

the only hospital in delhi where mri are available

दिल्ली सरकार के अधीन चलने वाले 37 अस्पतालों में से लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल इकलौता अस्पताल है, जहां मैग्नेटिक रिजनेन्स इमेंजिंग (एमआरआई) की सुविधा उपलब्ध है। जिसकी वजह से दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों के मरीजों को यहां रेफर किया जाता है...

नई दिल्ली(चांदनी कुमारी): दिल्ली सरकार के अधीन चलने वाले 37 अस्पतालों में से लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल इकलौता अस्पताल है, जहां मैग्नेटिक रिजनेन्स इमेंजिंग (एमआरआई) की सुविधा उपलब्ध है। जिसकी वजह से दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों के मरीजों को यहां रेफर किया जाता है। इसकी वजह से लगातार यहां मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। ऐसे में मरीजों को जांच के लिए एक से दो साल तक का लंबा इंतजार करना पड़ता है और लंबे इंतजार के चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

बता दें कि दिमागी बीमारी से जूझ रहे 7 साल के मोहम्मद कैफ का इलाज यूपी में चल रहा था लेकिन उसकी हालात वहां ठीक नहीं हो रही थी। उसके परिजनों ने बताया कि अच्छा इलाज उनके बच्चे का हो सके इसीलिए हम इसे एलएनजेपी अस्पताल लेकर आए। उसके बाद डॉक्टर ने एमआरआई की सलाह दी थी। परिजन ने कहा कि जब अस्पताल में एमआरआई की डेट लेने पहुंचे तो उन्हें 5 अक्तूबर 2020 की तारीख दी गई है। आर्थिक रूप से कमजोर मोहम्मद परिसर का कहना है कि अब हमारे पास इतना पैसा नहीं है कि हम अपने बच्चे की एमआरआई बाहर से करवा सके। जो पैसे थे वह पहले ही इलाज में खर्च कर दिया है। इस उम्मीद से यहां आये थे की कम खर्च में बच्चे को अच्छा इलाज मिल जाएगा। लेकिन एमआरआई टेस्ट की तारीख 15 महीने के बाद का दिया गया है। इतना लंबा इंतजार करने पर बच्चे की हालत ज्यादा खराब हो जाएगी। बच्चे की मां बारीसा का कहना है कि दिल्ली का पहचान पत्र होता तो प्राइवेट लैब में निशुल्क एमआरआई हो सकता था। लेकिन हम उत्तर प्रदेश जिला संभल के रहने वाले हैं। इसलिए हमें मना कर दिया गया। 

दिल्ली सरकार के एक ही अस्पताल में है एमआरआई मशीन 
लोकनायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. किशोर सिंह का कहना है कि दिल्ली सरकार का लोकनायक इकलौता अस्पताल है। जहां एमआरआई होता है। मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा है कि एक-दो साल तक का वेटिंग चला ही जाता है, लेकिन डिपेंड करता है कि मरीज कैसा है, अगर इमरजेंसी है तो तुरंत कराया जाता है।  एक मरीज का एमआरआई में लगभग तीस मिनट का समय लगता है। ऐसे में हम प्रतिदिन बारह से चौदह मरीजों का ही एमआरआई कर पाते हैं। मशीन को भी आराम चाहिए होता है। इसलिए बीच-बीच में उसमें समय चला जाता है। सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक ही एमआरआई होता है। जब हम ने मोहम्मद कैफ के वेटिंग के बारे में पूछा तो उनका कहना है, हम पता करके बताते हैं।

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