Edited By Tanuja,Updated: 12 Aug, 2024 08:17 PM
शेख हसीना के बांग्लादेश से बाहर जाने के कुछ ही घंटों के भीतर साजिश के तहत हिंदुओं का जनसंहार शुरू हो गया। देशभर में हिंदू...
इंटरनेशनल डेस्कः शेख हसीना के बांग्लादेश से बाहर जाने के कुछ ही घंटों के भीतर साजिश के तहत हिंदुओं का जनसंहार शुरू हो गया। देशभर में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कट्टरपंथी मुस्लिम समूहों द्वारा बड़े पैमाने पर हमले शुरू हो गए हैं। बांग्लादेश के 52 जिलों में हमलों की कम से कम 205 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें हिंदू धार्मिक स्थलों, घरों और व्यवसायों को निशाना बनाया गया है। शेख हसीना के जाने के बाद, ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर पर कट्टरपंथियों ने हमला कर उसे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। इसी प्रकार, चटगाँव के काली मंदिर को तोड़फोड़ के बाद लूट लिया गया। सिलहट के जगन्नाथ मंदिर पर भीड़ ने हमला कर मूर्तियों को अपवित्र किया और व्यापक नुकसान पहुँचाया। ढाका के रमना काली मंदिर में भी चोरी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं, जबकि नेत्रोकोना में रामकृष्ण मिशन और इस्कॉन मंदिर पर भी हमले हुए।
इस हिंसा के चलते सैकड़ों हिंदू परिवार भारत की सीमा पर शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं। ठाकुरगाँव और पंचगढ़ जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में भय और असुरक्षा का माहौल व्याप्त है। सोशल मीडिया पर बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के लोग हिंसा के भयावह दृश्य साझा कर रहे हैं। लूटपाट, आगजनी, हत्या और उत्पीड़न के इन घटनाओं ने देशभर के हिंदुओं को गहरे संकट में डाल दिया है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय अपने भविष्य को लेकर गहरे संकट में है। कानून-व्यवस्था की स्थिति अभी भी अनिश्चित बनी हुई है, और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग बढ़ रही है, लेकिन मौजूदा हालात में कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही है। हालांकि इस बीच शनिवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि, "अल्पसंख्यकों पर हमले करना जघन्य अपराध है। बांग्लादेश में रह रहे हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदाय के लोगों की रक्षा करना देश के युवा वर्ग का फर्ज है।"
बांग्लादेश की बेगम रोकेया यूनिवर्सिटी को संबोधित करते हुए यूनुस ने कहा, "छात्रों ने इस देश को बचाया है। क्या वे अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं कर सकते। वे भी हमारे देश के नागरिक हैं। हमें साथ मिलकर रहना होगा।" यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश अब युवाओं के हाथ में है। बांग्लादेशी मीडिया डेली स्टार के मुताबिक, शनिवार को हजारों हिंदू प्रदर्शनकारियों ने ढाका और चिटगांव में सड़कें जाम कीं। उन्होंने अपने घरों, दुकानों और मंदिरों पर हो रहे हमलों का विरोध किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'हिंदुओं की रक्षा करो', 'हमें इंसाफ चाहिए' और 'देश सभी नागरिकों का है' जैसे नारे भी लगाए। उन्होंने पूछा कि हिंदुओं के घर और मंदिर क्यों लूटे जा रहे हैं? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना के इस्तीफे के बाद उनकी पार्टी अवामी लीग के 2 हिंदू नेताओं की हत्या की जा चुकी है।
5 अगस्त को शरीयतपुर में स्थित धनुका मनसा बारी मंदिर पर भीड़ ने हमला कर राधा-कृष्ण की मूर्तियों को तोड़ दिया। उन्होंने मंदिर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया और परिसर में लगे सभी 16 सीसीटीवी कैमरों को भी तोड़ दिया। दीनाजपुर में पार्वतीपुर उपजिला के काली मंदिर समेत पांच अन्य मंदिरों पर भी हमले किए गए, जिससे इन धार्मिक स्थलों को भारी नुकसान हुआ। दीनाजपुर सेंटर श्मशान घाट में भी तोड़फोड़ की गई। देशभर में हिंदू परिवारों के घरों पर भी हमले हुए। ढाका के धानमंडी में बैंड 'जोलर गान' के फ्रंटमैन राहुल आनंद के लगभग 140 साल पुराने घर को आग के हवाले कर दिया गया। लूटपाट के बाद घर में रखे संगीत वाद्ययंत्रों और अन्य कीमती सामान को जला दिया गया। इसी तरह, नेत्रोकोना में अविरूप सरकार की विधवा रिश्तेदार के घर पर भीड़ ने हमला कर लूटपाट की। लाठी-डंडों से लैस लगभग 100 लोगों की भीड़ ने घर पर धावा बोला, फर्नीचर, टीवी, बाथरूम की फिटिंग और दरवाजे तोड़ दिए, और जाने से पहले सारी नकदी और आभूषण ले गए।