Edited By vasudha,Updated: 06 Jun, 2018 08:00 PM
भीड़ से मुस्लिम युवक को बचाने वाले जाबांज इंस्पेक्टर गगनदीप के बाद उत्तराखंड पुलिस का एक और अधिकारी एक श्रद्धालु के लिए फरिश्ता बनकर आया। पुलिसकर्मी ने अपनी जान की परवाह न करते हुए एक शख्स की जान बचाई...
नेशनल डेस्क: भीड़ से मुस्लिम युवक को बचाने वाले जाबांज इंस्पेक्टर गगनदीप के बाद उत्तराखंड पुलिस का एक और अधिकारी एक श्रद्धालु के लिए फरिश्ता बनकर आया। पुलिसकर्मी ने अपनी जान की परवाह न करते हुए एक शख्स को नई जिंदगी दी। यही नहीं वह श्रद्धालु को दो किलोमीटर तक अपनी पीठ पर लादकर अस्पताल लेकर गए।
बडकोट के पुलिस थानाध्यक्ष विनोद थपलियाल ने बताया कि 55 वर्षीय रांझी राजग अपने पूरे परिवार के साथ यमुनोत्री धाम पहुंचे थे। भैरव मंदिर के पास रांझी अचानक जमीन पर गिर गए। यात्री की इस हालत को देख वहां मौजूद लोग घबरा गए। उसी वक्त उप निरीक्षक लोकेंद्र बहुगुणा फरिश्ता बनकर वहां पहुंचे और रांझी को पीठ पर लादकर दो किलोमीटर पैदल खड़ी चढ़ाई का सफर तय करते हुए यमुनोत्री सीजनल अस्पताल पहुंचे।
चिकित्सक ने बताया कि यात्री को माइनर हार्ट अटैक आया था और समय रहते अस्पताल पहुंचने से उनकी जान बच गई। सभी यात्रियों ने उप निरीक्षक लोकेंद्र के इस साहस को खूब सराहा। वहीं अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद रांझी ने अपने परिवार के साथ यमुनोत्री धाम में माथा टेका। बता दें कि पिछले माह उत्तराखंड पुलिस के एक और उपनिरीक्षक गगनदीप सिंह ने नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में एक मुस्लिम युवक को आक्रोशित भीड़ के चंगुल से बचाया था। जिसके बाद वह लोगों के लिए हीरो बन गए थे।