पीएम मोदी बताएं कि राफेल का मकसद वायुसेना को मजबूत करना था या एक उद्योग​पति को

Edited By shukdev,Updated: 09 Feb, 2019 03:17 PM

the purpose of rafael was to strengthen the iaf or to an industry husband

शिवसेना ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बात का जवाब देना चाहिए कि राफेल सौदा वायु सेना को मजबूत करने के लिए हुआ है या आर्थिक रूप से परेशान एक उद्योगपति की हालत ठीक करने के लिए हुआ। शुक्रवार को ‘द हिंदू’ अखबार में छपी एक रिपोर्ट...

मुंबई: शिवसेना ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बात का जवाब देना चाहिए कि राफेल सौदा वायु सेना को मजबूत करने के लिए हुआ है या आर्थिक रूप से परेशान एक उद्योगपति की हालत ठीक करने के लिए हुआ। शुक्रवार को ‘द हिंदू’ अखबार में छपी एक रिपोर्ट के बाद पार्टी की यह टिप्पणी आई है। उस खबर में यह दावा किया गया है कि रक्षा मंत्रालय ने भारत और फ्रांस के बीच 59,000 करोड़ रुपए के राफेल सौदे को लेकर बातचीत के दौरान पीएमओ द्वारा की गई ‘समानांतर चर्चा’ पर कड़ी आपत्ति जताई थी।

PunjabKesariशिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि मोदी ने गुरुवार को संसद में ‘देशभक्ति’ पर भाषण दिया और इस सौदे का बचाव किया था। लेकिन अगले ही दिन, ‘काला चिट्ठा’ (दस्तावेज) सामने आ गया , जिसने देशभक्ति के नारे लगाने और सदन में ताली बजाने वाले लोगों को चुप करा दिया।’ किसी का नाम लिए बगैर, शिवसेना ने कहा कि मोदी से इस बारे में जवाब की उम्मीद की जाती है कि यह सौदा वायुसेना को मजबूत करने के लिए किया गया या आर्थिक रूप से परेशानहाल एक उद्योगपति के लिए किया गया है।

PunjabKesariराफेल मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा की जा रही सरकार की लगातार आलोचना का जिक्र करते हुए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली इस पार्टी ने यह भी पूछा कि इसके लिए विपक्ष को क्यों दोषी ठहराया जाना चाहिए। उसमें कहा गया,‘विरोधी नष्ट (राजनीतिक रूप से) हो सकते हैं, लेकिन सच्चाई जीवित रहेगी।’ शिवसेना ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने बार-बार आरोप लगाया (संसद में) कि कांग्रेस रक्षा सेवाओं को मजबूत नहीं करना चाहती और अगले ही दिन सामने आई इस खबर से यह पता चलता है कि इस सौदे में मोदी की व्यक्तिगत रुचि कितनी अधिक थी। इसका क्या मतलब निकाला जाए?’ पार्टी ने कहा, ‘मोदी राफेल सौदे से सीधे तौर पर जुड़े थे। रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव जैसे प्रमुख लोगों को इससे दूर रखा गया। मोदी ने खुद ही राफेल (विमानों) की कीमतों और इसका अनुबंध किसे देना है, जैसे मुद्दों पर निर्णय लिया। इसलिए, उन्हें ही आरोपों और आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा।’ उसने कहा ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगना देश की आलोचना कैसे हो जाती है।’

PunjabKesariगौरतलब है कि मोदी ने गुरुवार को संसद में कहा था कि विपक्ष इस मुद्दे पर उनकी और भाजपा की आलोचना कर सकता है, लेकिन देश की नहीं। शिवसेना ने शनिवार को यह आरोप भी लगाया कि मौजूदा भाजपा नीत सरकार के शासनकाल में ‘राष्ट्रवाद’ और ‘देशभक्ति’ की परिभाषाएं बदल दी गई हैं। उसने दावा किया ,‘जो राफेल सौदे का गुणगान कर रहे हैं वे देशभक्त माने जा रहे हैं और जो इसकी कीमत के बारे में सवाल उठा रहे हैं उन्हें देशद्रोही करार दिया जा रहा है।’ शिवसेना ने कहा कि देश की जनता लगातार ये सवाल उठाती रहेगी कि जिस विमान की कीमत 500 करोड़ रुपए थी उसे 1600 करोड़ रुपए में क्यों खरीदा गया। उसने यह भी कहा कि मोदी ने इस देश पर पिछले साढ़े चार साल में अकेले ही शासन किया है,‘ फिर भी कीमतें बढऩे और भ्रष्टाचार जैसे मामलों में कांग्रेस पर आरोप लगाकर वह अपनी सरकार की असफलताओं को ढंकने की कोशिश कर रहे हैं।’

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