Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Oct, 2017 03:37 PM
मुंबई में पिछले महीने एल्फिन्स्टन रोड स्टेशन पर मची भगदड़ की जांच करने वाली समिति के निष्कर्षों को विपक्षी कांग्रेस और सत्ता में सहयोगी शिवसेना ने ‘आंखों में धूल झोंकना’ करार दिया।
मुंबई: मुंबई में पिछले महीने एल्फिन्स्टन रोड स्टेशन पर मची भगदड़ की जांच करने वाली समिति के निष्कर्षों को विपक्षी कांग्रेस और सत्ता में सहयोगी शिवसेना ने ‘आंखों में धूल झोंकना’ करार दिया। पश्चिम रेलवे के मुख्य संरक्षा अधिकारी एस.के. सिंगला की अगुवाई में पांच सदस्य जांच समिति ने बुधवार को पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक को अपनी रिपोर्ट और सिफारिशें सौंपी थीं। रिपोर्ट में कहा गया कि भगदड़ भारी बारिश की वजह से मची थी। साथ ही में इसका एक कारण यह भी था कि एक विक्रेता ने चिल्लाया कि फूल गिर गया है और लोगों ने गलती से समझा कि पुल गिर गया है। इस घटना में 23 लोगों की मौत हुई थी। शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने जांच रिपोर्ट को ‘आंखों में धूल झोंकने वाला’ करार दिया और कहा कि इसमें दिए गए कारण अताॢकक लगते हैं।
सावंत ने आरोप लगाया, ‘‘रेलवे खुद को कैसे जिम्मेदारी से मुक्त कर सकता है? सच्चाई यह है कि यात्रियों के बार बार सूचना देने और सतर्क करने पर भी रेलवे ने स्टेशन पर ढांचे की खस्ताहाल स्थिति को नजरअंदाज किया।’’ उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद भी कई बार यह मुद्दा उठाया था। कांग्रेस की मुंबई इकाई के प्रमुख संजय निरूपम ने भी जांच रिपोर्ट को ‘ लीपापोती’ करार दिया और कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता मुंबई में प्रमुख उपनगरीय रेलवे स्टेशनों का खुद ऑडिट करेंगे। निरूपम ने आरोप लगाया, ‘‘यह रिपोर्ट पूरी तरह से आंखों में धूल झोंकने और लीपापोती करने वाली है। यह घटना रेलवे अधिकारियों की आपराधिक लापरवाही के कारण घटित हुई और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपने खुद के संरचनात्मक इंजीनियरों से रेलवे की अवसंरचना का ऑडिट कराने का निर्णय किया है और इसे (रिपोर्ट को) रेलवे अधिकारियों और अगर जरूरी हुआ तो अदालत को सौंपेंगे।’’ नियमित आधार पर रेलवे की अवसंरचना का अध्ययन करने वाले ऑब्जर्वर रिसर्च फांउडेशन के अध्यक्ष सुधींद्र कुलकर्णी ने भी कहा कि हादसे के लिए रेलवे अधिकारी जिम्मेदार हैं। रेलवे बोर्ड के पूर्व प्रमुख विवेक सहाय ने कहा कि कुछ ही समय के अंतराल पर हुई कई घटनाओं की वजह से यह हादसा हुआ। मुंबई रेल प्रवासी संगठन के महासचिव कैलाश वर्मा ने आरोप लगाया कि हादसे के लिए रेलवे में लालफीताशाही जिम्मेदार है।