बारिश में देरी, मौसम विभाग के मुताबिक-65 साल में दूसरा सबसे बड़ा प्री-मानसून सूखा

Edited By Seema Sharma,Updated: 02 Jun, 2019 06:49 PM

the second largest pre monsoon dry in 65 years weather department

भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच लोगों के लिए जो एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है वो है सूखे की। भी,ण गर्मी के बीच देश को इंतजार है मानसून का। अनुमान है कि मानसून 6 जून को केरल में दस्तक दे सकता है।

नेशनल डेस्कः भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच लोगों के लिए जो एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है वो है सूखे की। भी,ण गर्मी के बीच देश को इंतजार है मानसून का। अनुमान है कि मानसून 6 जून को केरल में दस्तक दे सकता है। मार्च से अब तक महज 99 मिलीमीटर बारिश ही हुई है। भारतीय मौसम विभाग के डेटा के मुताबिक बीते 65 सालों में यह दूसरा मौका है, जब इस तरह से प्री-मॉनसून में सूखे की स्थिति पैदा हुई है।
PunjabKesari
विभाग के मुताबिक 1954 के बाद से ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब प्री-मॉनसून में इतनी कम बैरिश हुई हो। डेटा के मुताबिक 1954 में 93.9 मिलीमीटर बारिश रेकॉर्ड की गई थी। इसके बाद 2009 में मार्च, अप्रैल और मई के दौरान 99 मिलीमीटर बारिश हुई थी। फिर 2012 में यह आंकड़ा 90.5 मिलीमीटर का था और इसके बाद अब 2019 में 99 मिलीमीटर बारिश हुई है।

PunjabKesari
वर्षा का सबसे कम औसत मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और महाराष्ट्र के ही विदर्भ इलाके में हुआ है। इसके अलावा कोंकण-गोवा, गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ इलाके में भी यही स्थिति देखने को मिली है। तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु और पुदुचेरी जैसे इलाकों में भी प्री-मॉनसून बारिश की कमी रही। पहाड़ी क्षेत्रों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तर कर्नाटक, तेलंगाना और रायलसीमा में भी कम ही बारिश हुई है। डेटा के मुताबिक पिछली सदी में पश्चिमी भारत में प्री-मॉनसून बारिश में काफी तेजी से गिरावट आई है और महाराष्ट्र में यह समस्या और बढ़ी है।
PunjabKesari

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!