पुलिस को देखकर यमुना में कूदा नेपाली लड़कियों का तस्कर, कांस्टेबल ने कूदकर दबोचा

Edited By vasudha,Updated: 21 Jan, 2019 11:21 AM

the smugglers of nepalese girls in jump in yamuna

नेपाली लड़कियों को खाड़ी देशों में बेचने वाले तस्कर को जब स्पेशल सेल की टीम पकडऩे पहुंची तो पुलिस टीम को देख बदमाश लोपसंग लामा उर्फ लामा (33) यमुना नदी की तरफ भागने लगा...

नई दिल्ली: नेपाली लड़कियों को खाड़ी देशों में बेचने वाले तस्कर को जब स्पेशल सेल की टीम पकडऩे पहुंची तो पुलिस टीम को देख बदमाश लोपसंग लामा उर्फ लामा (33) यमुना नदी की तरफ भागने लगा। जैसे ही उसके पास सेल की टीम पहुंची। बचने के लिए उसने यमुना नदी में छलांग लगा दिया। बिना देर किए कांस्टेबल मनोज त्यागी भी उसके पीछे यमुना में कूद गया। काफी देर तक वह पानी में इधर-उधर तैरकर बचने का प्रयास करता रहा। लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद टीम ने उसे धर दबोचा। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मुनीरका में छापा मारे जाने के दौरान वहसनौली भाग गया था। वहां कुछ माह रहने के बाद कुछ दिन पहले ही दिल्ली के वजीराबाद में रह रहा था। गिरफ्तार तस्कर की गिरफ्तारी पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था। 

स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया कि आरोपी जरूरतमंद नेपाली लड़कियों को अच्छी नौकरी दिलवाने का भरोसा देकर भारत लाता था। उसके बाद में कुवैत में रहने वाले अपने साले की मदद से उन युवतियों को खाड़ी देशों में बेच दिया करता था। 25 जुलाई 2018 में वसंत विहार के मुनीरका में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने रेड कर 16 नेपाली लड़कियों को मुक्त करवाया था। उस समय से ही नेपाली लड़कियों के खरीद-फरोख्त का मास्टर माइंड लोपसंग लामा फरार चल रहा था। पुलिस ने तब उसकी उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का ईनाम रखा था। एक लड़की को खाड़ी देश में बेचने के एवज में उसे 40 से 50 हजार रुपये मिलते थे। वह अब तक करीब दो दर्जन से ज्यादा नेपाली लड़कियों को खाड़ी और दूसरे देशों में भेज चुका है।

डीसीपी ने बताया कि शनिवार को सूचना मिली थी कि नेपाल से लड़कियों को भारत लाकर उनकी तस्करी करने वाला मुख्य आरोपी इन दिनों वजीराबाद में छुपा हुआ है। शनिवार की शाम एएसआई को देवेन्द्र कुमार को सूचना मिली कि लामा दिल्ली में किसी से मिलने के लिए कश्मीरी गेट आने वाला है। खबर पुख्ता कर रात करीब सात बजकर 20 मिनट पर लामा मोनेस्टी की तरफ से आता हुआ दिखाई दिया। पुलिस टीम को देखते ही उसने कुदेसिया की तरफ यमुना की ओर भागना शुरू कर दिया, लेकिन वह यमुना नदी में कूद गया। तत्परता दिखाते हुए पुलिस टीम ने भी यमुना में कूद उसे धर दबोचा। 

युवतियों को भेजा जाता था कुवैत, दुबई और इराक 
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ईस्ट नेपाल के ओखल डोंगा के रहने वाला लोपसंग लामा की चार बहनें हैं। उसका एक जीजा 2017 से कुवैत में रह रहा है। युवतियों को नेपाल से दिल्ली लाने के बाद खाड़ी देशों में अपनेे जीजा के साथ मिलकर बेचता था। लामा ने 2018 में मानव तस्करी शुरू की थी। वह मूलरूप से अरुणाचल प्रदेश के दोइमुख में पैदा हुआ था और वहां के सरकारी स्कूल से 11वीं तक की पढ़ाई की थी। इसके बाद उसने खेती और छोटी-मोटी नौकरी करनी शुरू की थी। सूत्रों की मानें तो नौकरी के नाम पर नेपाल से लाई जाने वाली ज्यादातर लड़कियों को जिस्मफरोशी के धंधे में भी धकेल दिया जाता है। इन्हें कुछ दिन तक दिल्ली के मुनीरका इलाके में रखा जाता था। यहां उनसे जिस्मफरोशी कराई जाती थी। इसके बाद युवतियों को कुवैत, दुबई और इराक भेजा जाता था। वहां उनसे घरेलू सहायिका के रूप में काम लेने के साथ जिस्मफरोशी भी कराई जाती थी।  

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