Edited By shukdev,Updated: 13 Apr, 2018 06:26 PM
पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के.जी. बालकृष्णन ने शुक्रवार को कहा कि एसएसी / एसटी कानून पर उच्चतम न्यायालय का विवादास्पद फैसला मूल रूप से गलत था क्योंकि यह अपराधियों को इस कानून के शिकंजे से बच निकलने में सक्षम ...
नई दिल्ली : पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के.जी. बालकृष्णन ने शुक्रवार को कहा कि एसएसी / एसटी कानून पर उच्चतम न्यायालय का विवादास्पद फैसला मूल रूप से गलत था क्योंकि यह अपराधियों को इस कानून के शिकंजे से बच निकलने में सक्षम बनाएगा।
बालकृष्णन सीजेआई बनने वाले प्रथम दलित थे। वह 14 जनवरी 2007 से 12 मई 2010 तक इस पद पर रहे थे। उन्होंने कहा कि शायद यह पहला मौका है जब उच्चतम न्यायालय के किसी फैसले ने लोगों में हिंसा को उकसाया। आमतौर पर जब हिंसा होती है तब उच्चतम न्यायालय हस्तक्षेप करता है। लोग उसके फैसले को स्वीकार करते हैं।
पूर्व सीजेआई ने कहा कि अब लोग देश के शीर्ष न्यायालय के फैसले को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है। यह कुछ ऐसा है जो आश्चर्यजनक है। हमें यह समझना चाहिए। उच्चतम न्यायालय को ऐसा फैसला देना चाहिए जो काफी संख्या में लोगों को स्वीकार्य हो। यह समाज में हिंसा कराने वाला नहीं होना चाहिए। उन्होंने एक सेमिनार में यह बात कही। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 20 मार्च के अपने एक आदेश में एसएसी / एसटी कानून के सख्त प्रावधानों को हल्का कर दिया था।