SC ने 'आप' को भेजा नोटिस, मजदूरों के 900 करोड़ रुपए खर्च करने का आरोप

Edited By ,Updated: 16 Jan, 2017 12:12 AM

the supreme court sent the notice

सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ की उस जनहित याचिका पर केजरीवाल सरकार से जवाबतलब किया है

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ की उस जनहित याचिका पर केजरीवाल सरकार से जवाबतलब किया है, जिसमें उन पर आरोप लगा है कि उन्होंने बिल्डिंग निर्माण के लिए मजदूरों के 900 करोड़ रुपए के बजट को अन्य चीजों में खर्च कर दिया है। बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेल्फेयर सेस ऐक्ट 1996 के तहत राज्य सरकारों ने लगभग 30 हजार करोड़ रुपए अबतक इकट्ठे किए हैं। दिल्ली सरकार ने इसके तहत तकरीबन 1500 करोड़ रुपए जुटाए हैं।

वरिष्ठ व​कील कोलिन गोंजालवेज ने इस मुद्दे को शुक्रवार को जस्टिस मदन लोकुर के नेतृत्व वाली पीठ के सामने रखा। कोलिन गोंजालवेज ने कहा कि 21 अगस्त, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि दिल्ली समेत कुछ अन्य राज्य सरकारों ने जुटाई गई रकम में से विज्ञापन पर बेहिसाब खर्च किया है और यह रकम कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को लौटाया जाना चाहिए। कंस्ट्रक्शन टैक्स से जुटाई गई रकम के खर्च को लेकर केंद्रीय श्रम सचिव ने दिल्ली सरकार और अन्य राज्यों को पिछले साल जून में लेटर लिखा था। इसमें उन्होंने इस रकम को स्कूल निर्माण, ट्रेनिंग सेंटर निर्माण आदि में खर्च करने को लेकर आपत्ति भी जताई थी।

इसके साथ ही एनजीओ ने वेल्फेयर बोर्ड के इस प्रस्ताव को आम आदमी पार्टी कैंटीन से लिंक करने का आरोप लगाया, जिसमें 200 करोड़ रुपए मजदूरों के लिए सब्सिडाइज्ड खाना देने के लिए फिक्स था। एनजीओ ने कहा कि मजदूरों के लिए अस्पताल की बात करना दिल्ली सरकार का झलावा है। कोर्ट ने अडिशनल सॉलि​सिटर जनरल मनिंदर सिंह और राज्य सरकार को एनजीओ के आरोपों पर जवाब देने का आदेश दिया है, जिसमें यह कहा गया है कि निर्माण कर की रकम का दुरुपयोग किया है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।

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