Edited By Yaspal,Updated: 28 May, 2019 07:44 PM
जेल में मुंह के कैंसर से जूझ रहे एक आरोपी ने अपनी ‘मां की गोद में दम तोड़ने के लिए'' उच्चतम न्यायालय से जमानत की गुहार लगाई है। न्यायालय ने मंगलवार को इस अर्जी पर राजस्थान पुलिस से जवाब तलब किया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई...
नई दिल्लीः जेल में मुंह के कैंसर से जूझ रहे एक आरोपी ने अपनी ‘मां की गोद में दम तोड़ने के लिए' उच्चतम न्यायालय से जमानत की गुहार लगाई है। न्यायालय ने मंगलवार को इस अर्जी पर राजस्थान पुलिस से जवाब तलब किया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ ने इस याचिका पर पुलिस को नोटिस जारी किया और उससे पांच जून तक जवाब मांगा। इस मामले में अगली सुनवाई पांच जून को होगी।
याचिकाकर्ता पर जाली मुद्रा रखने का आरोप है और उसके खिलाफ पिछले साल जयपुर में केस दर्ज किया गया था। राजस्थान उच्च न्यायालय के 24 अप्रैल के आदेश के खिलाफ उसने शीर्ष अदालत का रुख किया है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में उसकी अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया है कि वह जेल में मुंह के कैंसर के तीसरे चरण से जूझ रहा है और जयपुर में एक अस्पताल में उसे रोजाना रेडियो थेरेपी करानी पड़ती है।
अर्जी के मुताबिक, ‘‘जेल में याचिकाकर्ता को कैंसर होने का पता चला और उसे पिछले आठ महीने से रोजाना रेडियो थेरेपी करानी पड़ रही है। जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में इलाज होने के कारण बार-बार उसकी जमानत अर्जियां खारिज कर दी गई हैं।'' उसने दावा किया कि बीमारी का सही इलाज कराने के उसके अधिकार का हनन किया जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने अंतरिम जमानत की मांग करते हुए कहा कि उसके मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में लंबा वक्त लगेगा और तब तक हो सकता है कि उसकी मृत्यु हो जाए या मुकदमे की कार्यवाही समझने के क्रम में कहीं वह अपना मानसिक संतुलन न खो दे। उसने कहा, ‘‘कैंसर मरीज, याचिकाकर्ता की तरह ही उम्मीद खो देते हैं, उसने भी जीने की आखिरी उम्मीद छोड़ दी है। वह अपनी मां और अपने नजदीकी लोगों का भावनात्मक समर्थन पाने के लिए बेचैन है और अपनी मां की गोद में मरना चाहता है।