Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Nov, 2018 11:20 AM
दिल्ली सरकार भले ही बसों की कमी से जूझ रही है, लेकिन प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए जरूरत पड़ने पर सम-विषम योजना को लागू करने में नहीं हिचकेगी। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के दायरे जो कुछ आता है....
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार भले ही बसों की कमी से जूझ रही है, लेकिन प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए जरूरत पड़ने पर सम-विषम योजना को लागू करने में नहीं हिचकेगी। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के दायरे जो कुछ आता है, सरकार उसे तत्परता से लागू करेगी। अगर ग्रैप के तहत वाहनों को सम-विषम नंबर के हिसाब से चलाने की जरूरत हुई तो सरकार इसे लागू करेगी। सम-विषम में बसों की कमी दूर करने के लिए निजी बसों की व्यवस्था की जाएगी। बता दें कि दिल्ली को 11 हजार बसों की जरूरत है, लेकिन सरकार के पास इस समय डी.टी.सी. और क्लस्टर की 5,561 बसें ही हैं।
परिवहन मंत्री ने कहा कि निजी गाड़ियों को नियंत्रित करने के संबंध में उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ई.पी.सी.ए.) से कोई सूचना नहीं मिली है। बता दें कि सरकार ने 2016 में एक से 15 जनवरी और 15 से 30 अप्रैल के बीच 2 बार सम-विषम योजना को लागू किया था। इस योजना के तहत एक दिन सम नंबर वाली गाडिय़ां चलती हैं, जबकि दूसरे दिन विषम नंबर वाले वाहन सड़कों पर उतरते हैं। परिवहन मंत्री ने कहा कि वह दिल्ली की खराब होती वायु गुणवत्ता से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सरकार के पास आपात योजना है और जरूरत पड़ने पर सम-विषम को लागू किया जाएगा।
पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने में बढ़ोत्तरी के साथ ही दिल्ली में मंगलवार को इस मौसम में पहली बार वायु गुणवत्ता गंभीर स्थिति में चली गई थी। इसके बाद अधिकारियों को निर्माण गतिविधियों तथा एक से 10 नवंबर तक कुछ उद्योगों को बंद करने जैसे उपाय करने पड़े। नवंबर के शुरुआती दिनों में वायु गुणवत्ता के खराब होने का अंदेशा है। परिवहन मंत्री ने कहा कि सरकार बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।