Edited By Pardeep,Updated: 03 Feb, 2020 05:05 AM
राज्यसभा में झारखंड से 2 सांसदों का 9 अप्रैल 2020 को कार्यकाल पूरा हो रहा है। इनमें से एक राजद के प्रेमचंद गुप्ता, दूसरे निर्दलीय लेकिन आजसू व भाजपा समर्थित परिमल नाथवानी हैं। राजद का झारखंड में...
नेशनल डेस्कः राज्यसभा में झारखंड से 2 सांसदों का 9 अप्रैल 2020 को कार्यकाल पूरा हो रहा है। इनमें से एक राजद के प्रेमचंद गुप्ता, दूसरे निर्दलीय लेकिन आजसू व भाजपा समर्थित परिमल नाथवानी हैं। राजद का झारखंड में केवल एक विधायक है और उसे भी हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बना दिया गया है। ऐसे में यदि वह फिर सेठ प्रेमचंद गुप्ता को प्रत्याशी बनाएगी भी तो झारखंड से नहीं, बिहार से बना सकती है। वहीं परिमल नाथवानी को भाजपा प्रत्याशी बनाती है या नहीं यह देखने लायक होगा।
यदि परिमल नाथवानी को भाजपा राज्यसभा के लिए प्रत्याशी बनाती है तो उनको झाविमो के बाबू लाल मरांडी का तो वोट मिलेगा ही, सुदेश महतो व उनकी पार्टी के विधायक का भी वोट मिल सकता है, क्योंकि नाथवानी इन दोनों का चुनाव के समय ध्यान रखते हैं, लेकिन मुश्किल यह है कि विधानसभा चुनाव हार चुके रघुवर दास भी राज्यसभा सांसद के जुगाड़ में हैं। यदि उनके वैश्य समाज के दोनों आका मेहरबान हो गए तो उनको राज्यसभा प्रत्याशी बनाया जा सकता है, लेकिन 3 वोटों का जुगाड़ करना पड़ेगा। राज्य में भाजपा के 25 विधायक हैं जबकि राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 28 विधायकों के मत की जरूरत है।
सुदेश महतो रघुवर दास से नाराज थे, ऐसे में इतनी जल्दी हृदय परिवर्तित हो जाने की संभावना नहीं है। इन हालात में यदि भाजपा ने परिमल नाथवानी को प्रत्याशी बना दिया या समर्थन दे दिया तो वह सुदेश महतो व बाबू लाल मरांडी के समर्थन से जीत सकते हैं। वहीं शिबू सोरेन राजी हुए तो झामुमो से वह प्रत्याशी हो सकते हैं। इधर कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आर.पी.एन. सिंह की कोशिश है कि झामुमो उनको गठबंधन का राज्यसभा प्रत्याशी बना दे। राज्य विधानसभा में झामुमो के विधायकों की संख्या 29 है जबकि राज्यसभा प्रत्याशी को जीतने के लिए 28 वोटों की जरूरत है इसलिए झामुमो का एक उम्मीदवार आसानी से जीतेगा। कांग्रेस के विधायकों की संख्या 16 है।
बाबू लाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा से निकल कर दो विधायक कांग्रेस की तरफ आ सकते हैं, इसलिए इसके विधायकों की संख्या 18 हो जाएगी लेकिन कांग्रेस यदि राज्यसभा चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी उतारती है तो उसको एक वोट झामुमो से आ जाने के बाद भी 9 वोट और जुटाने पड़ेंगे। उतने वोट जुटाना कांग्रेस प्रत्याशी के बूते का नहीं है।
ऐसे में ज्यादा संभावना है कि भाजपा का जो प्रत्याशी खड़ा हो वह जीत जाए। उसका कोई पैसे वाला प्रत्याशी खड़ा हुआ तो विरोधी दलों के कई विधायक लक्ष्मी की कृपा से, अनुपस्थित रहकर या पाला बदलकर वोट देकर भाजपा समॢथत उम्मीदवार को जिता सकते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि भविष्य की राजनीति के मद्देनजर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व झारखंड में दास की जगह बाबू लाल मरांडी को तरजीह देकर राज्यसभा प्रत्याशी बना सकता है।