Edited By vasudha,Updated: 13 May, 2020 01:37 PM
स्वास्थ्य संबंधी मामलों के विशेषज्ञ एवं भारतीय जन स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष प्रोफेसर के श्रीनाथ रेड्डी का कहना है कि इस दावे को सही साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि शाकाहारी लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण होने का खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि...
नेशनल डेस्क: स्वास्थ्य संबंधी मामलों के विशेषज्ञ एवं भारतीय जन स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष प्रोफेसर के श्रीनाथ रेड्डी का कहना है कि इस दावे को सही साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि शाकाहारी लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण होने का खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से शाकाहारी लोग भी संक्रमित हुए हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हृदय रोग विभाग के पूर्व प्रमुख ने हालांकि यह भी कहा कि फलों एवं सब्जियों को अपने आहार में मुख्य रूप से जगह देने वाले लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है और वे बेहतर तरीके से इस संक्रमण का मुकाबला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह हमेशा बेहतर होता है कि शाकाहारी या मांसाहारी लोग अपने आहार में ताजा फलों एवं सब्जियों को मुख्य रूप से स्थान दें, ताकि संक्रमण से बेहतर तरीके से लड़ने के लिए उनकी प्रतिरोधी क्षमता बढ़ सके।
ई बड़े राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान अध्ययनों में शामिल रहे रेड्डी ने कहा कि मुंह एंव नाक के साथ-साथ आंखों को भी ढक कर रखना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह वायरस मुख्य रूप से चेहरे यानी नाक, मुंह या आंखों के जरिए ही शरीर में प्रवेश करता है। हम अक्सर आंखों को ढकना भूल जाते हैं।
रेड्डी ने कहा कि जब (संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के दौरान उसके मुंह से निकली) बूंदें चेहरे पर पड़ती हैं तो वे आंखों के जरिए भी (शरीर में) प्रवेश कर सकती हैं, क्योंकि आंखें नाक से जुड़ी होती हैं। उन्होंने कहा कि यदि आपने चश्मा पहन रखा है, तो यह अच्छी बात है। इसके अलावा लोग प्लास्टिक से पूरा चेहरा ढकने की सलाह दे रहे हैं, ताकि आंखों में भी कुछ न पड़ सके।