उद्धव ठाकरे और शिंदे के बीच हो सकती है सुलह, शिवसेना नेता के ट्वीट ने बढ़ाई सियासी हलचल

Edited By rajesh kumar,Updated: 18 Jul, 2022 11:25 AM

there may be reconciliation between uddhav thackeray and shinde

मराठी अभिनेत्री एवं खुद को शिवसेना नेता बताने वाली दीपाली सैयद ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे मतभेदों को सुलझाने के लिए मुलाकात करने पर सहमत हो गए हैं।

नेशनल डेस्क: मराठी अभिनेत्री एवं खुद को शिवसेना नेता बताने वाली दीपाली सैयद ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे मतभेदों को सुलझाने के लिए मुलाकात करने पर सहमत हो गए हैं। सैयद के उस ट्वीट के बाद, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ नेता ठाकरे और शिंदे के बीच एक आगामी ‘‘बैठक'' को लेकर मध्यस्थता कर रहे हैं, शिवसेना के एक पदाधिकारी ने रविवार को कहा कि सैयद के पास पार्टी में कोई पद नहीं है।

अगले दो दिनों में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की मुलाकात 

दीपाली सैयद ने 2019 में शिवसेना के टिकट पर ठाणे जिले के मुंब्रा-कलवा निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गई थीं। वह 2014 में आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर अहमदनगर जिले से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन हार गईं थीं। सैयद ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि अगले दो दिनों में शिवसैनिकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की मुलाकात होगी। शिंदे ने शिवसैनिकों की भावनाओं को समझा और ठाकरे ने उन्हें परिवार के मुखिया के तौर पर भूमिका में बड़े दिल से स्वीकार किया। भाजपा के कुछ नेता इस बैठक के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं।'' सैयद के ट्विटर विवरण में उल्लेख है कि वह शिवसेना की नेता हैं।

इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं- संजय राउत

सैयद के ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ‘‘मुझे इस तरह के किसी भी घटनाक्रम (उद्धव और शिंदे के बीच किसी मुलाकात) की जानकारी नहीं है। मैं पार्टी में बहुत छोटा कार्यकर्ता हूं।'' राउत दिल्ली में हैं और उन्होंने शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को शिंदे और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के क्रमशः मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के 15 दिन बाद भी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं करने के लिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह (कैबिनेट का विस्तार) नहीं हुआ क्योंकि संवैधानिक दिक्कत है। शिवसेना के 40 बागी विधायक (शिंदे खेमे में) अयोग्यता के खतरे का सामना कर रहे हैं और मामले की सुनवाई उच्चतम न्यायालय में हो रही है। अगर वे शपथ लेते हैं तो मंत्री के रूप में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।'' भाषा अमित देवेंद्र

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