1 दिसंबर से OTP में होगा बदलाव, TRAI ने जारी की नई गाइडलाइंस, जानिए क्या होगा असर

Edited By Mahima,Updated: 30 Nov, 2024 12:52 PM

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1 दिसंबर 2024 से TRAI नई ट्रेसिबिलिटी गाइडलाइंस लागू करेगा, जिसका उद्देश्य स्पैम और फर्जी संदेशों से सुरक्षा बढ़ाना है। इसके तहत सभी मैसेजों को रजिस्टर्ड हेडर और टेम्पलेट्स के साथ भेजना होगा। हालांकि, शुरुआत में OTP सेवाओं में थोड़ी देरी हो सकती है...

नेशनल डेस्क: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) 1 दिसंबर 2024 से नई ट्रेसिबिलिटी गाइडलाइंस लागू करने जा रहा है। इन गाइडलाइंस का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को स्पैम और फर्जी संदेशों से बचाना है। हालांकि, इस बदलाव को लेकर कुछ चिंता व्यक्त की जा रही है कि इन नियमों के कारण OTP (One Time Password) जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं में देरी हो सकती है। TRAI ने इस बारे में स्पष्ट किया है कि OTP की डिलीवरी पर इन गाइडलाइंस का कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन कुछ समय के लिए इस प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो सकती है। 

TRAI की ट्रेसिबिलिटी गाइडलाइंस क्या हैं?
TRAI की नई ट्रेसिबिलिटी गाइडलाइंस के तहत, सभी टेलीकॉम ऑपरेटर और मैसेजिंग सर्विस प्रोवाइडर्स को हर मैसेज की ट्रैकिंग और उसकी सही जानकारी की जांच करनी होगी। यह नियम डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) सिस्टम के तहत लागू किए जाएंगे। इसके अंतर्गत, सभी व्यवसायों को अपने संदेश भेजने की पहचान (सेंडर आईडी) और मैसेज टेम्पलेट्स को टेलीकॉम ऑपरेटर के पास रजिस्टर्ड कराना होगा। जो संदेश इन रजिस्टर्ड टेम्पलेट्स से मेल नहीं खाते या अनरजिस्टर्ड हेडर से भेजे जाते हैं, उन्हें रोक दिया जाएगा। इसका उद्देश्य केवल वैध और ट्रेस किए जा सकने वाले संदेशों को ही वितरित करना है, ताकि उपभोक्ताओं को स्पैम और धोखाधड़ी से बचाया जा सके। 

TRAI का बयान: OTP पर नहीं पड़ेगा कोई असर
TRAI ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि इन नई गाइडलाइंस के लागू होने से OTP की डिलीवरी में कोई देरी नहीं होगी। TRAI ने इस बात का खंडन किया कि इन नियमों के कारण OTP सेवाओं में कोई परेशानी आएगी। उनका कहना था कि यह दावा पूरी तरह से गलत है। TRAI ने यह भी स्पष्ट किया कि इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य संदेशों की ट्रेसिबिलिटी सुनिश्चित करना है, न कि OTP सेवाओं पर असर डालना। 

OTP सेवाओं पर क्या असर होगा?
OTP डिजिटल लेनदेन, सुरक्षित लॉगिन और वेरिफिकेशन प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा होते हैं। इन नियमों के तहत, सभी OTP संदेशों को अब रजिस्टर्ड हेडर और टेम्पलेट्स के साथ भेजा जाएगा। इसके अलावा, प्रत्येक OTP संदेश का वेरिफिकेशन भी किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह संदेश सभी निर्धारित नियमों का पालन कर रहा है और उसमें कोई गड़बड़ी नहीं है। हालांकि, शुरूआत में कुछ कंपनियां DLT फ्रेमवर्क पर शिफ्ट हो रही हैं या अपने टेम्पलेट्स को अपडेट कर रही हैं, जिससे थोड़ी देरी हो सकती है। इसके अलावा, हर OTP को अब वेरिफिकेशन प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिसके कारण कुछ समय में OTP की डिलीवरी में थोड़ा सा समय अधिक लग सकता है। 

क्या चिंता की बात है?
कुछ समय के लिए OTP डिलीवरी में देरी हो सकती है, खासकर यदि कंपनियां नए नियमों के तहत अपने सिस्टम को अपडेट कर रही हैं। शुरुआत में यह बदलाव कंपनियों को DLT फ्रेमवर्क में ट्रांसफर करने और उनके टेम्पलेट्स को रजिस्टर्ड करने की प्रक्रिया में थोड़ी असुविधा पैदा कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप कुछ संदेशों की डिलीवरी में थोड़ी देरी हो सकती है। 

आपके लिए राहत की बात
यह राहत की बात है कि अधिकांश बड़ी कंपनियां पहले ही अपने हेडर और टेम्पलेट्स को TRAI के DLT सिस्टम में रजिस्टर करवा चुकी हैं। इसके अलावा, टेलीकॉम ऑपरेटरों ने OTP जैसे समय-संवेदनशील संदेशों के लिए अपने सिस्टम को पहले से बेहतर बना लिया है, ताकि इन संदेशों की डिलीवरी में कोई समस्या न हो। 

OTP में देरी से बचने के उपाय
अगर OTP में देरी होती है, तो इसका सबसे पहला कारण यह हो सकता है कि आपकी मोबाइल सेवा में कोई अस्थायी समस्या हो। ऐसे में, सबसे पहले सुनिश्चित करें कि आपका मोबाइल नंबर सभी जरूरी सेवाओं से जुड़ा हुआ है और सही तरीके से अपडेट है। इसके अलावा, जहां संभव हो, OTP के बजाय ऑथेंटिकेटर एप्लिकेशंस का उपयोग करें, जो सुरक्षित और तुरंत वेरिफिकेशन का विकल्प प्रदान करते हैं। अगर OTP में थोड़ी देरी होती है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। यह अस्थायी समस्या हो सकती है और जल्द ही सामान्य हो जाएगी। 

सुरक्षित और ट्रेस किए गए मैसेजिंग के लिए कदम
TRAI की ये गाइडलाइंस उपभोक्ताओं को स्पैम और फर्जी संदेशों से बचाने के लिए हैं। हालांकि, शुरुआत में कुछ असुविधा हो सकती है, लेकिन इन बदलावों का दीर्घकालिक उद्देश्य उपभोक्ताओं के लिए एक सुरक्षित और ट्रेस किए गए संदेश वातावरण तैयार करना है। इन गाइडलाइंस के लागू होने से संदेशों की ट्रेसिबिलिटी सुनिश्चित होगी और फर्जी मैसेजों और धोखाधड़ी से बचाव होगा। TRAI द्वारा लाए गए नए नियमों का उद्देश्य डिजिटल सुरक्षा को बढ़ाना और उपभोक्ताओं को स्पैम से बचाना है। हालांकि, इन बदलावों के लागू होने से शुरूआत में OTP सेवाओं में थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन यह एक अस्थायी समस्या हो सकती है। एक बार सिस्टम अपडेट होने के बाद, इन नियमों से लंबी अवधि में उपभोक्ताओं को अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय संदेश सेवाएं मिलेंगी।

 

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