Edited By Seema Sharma,Updated: 23 Sep, 2018 03:29 PM
इसरो साल 2022 तक चांद पर तिरंगा फहराने की तैयारी में हैं। इसरो ने किसी भारतीय नागरिक को मिशन गगनयान पर ले जाने के लिए 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य बनाया है। इस कां को पूरा करने की जिम्मेदारी इसरो ने डॉ. वीआर ललितांबिका को सौंपी है।
बेंगलुरु: इसरो साल 2022 तक चांद पर तिरंगा फहराने की तैयारी में हैं। इसरो ने किसी भारतीय नागरिक को मिशन गगनयान पर ले जाने के लिए 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य बनाया है। इस कां को पूरा करने की जिम्मेदारी इसरो ने डॉ. वीआर ललितांबिका को सौंपी है। डॉ.ललितांबिका 100 से भी ज्यादा स्पेस मिशन्स पर काम कर चुकी हैं। फरवरी 2017 में जब भारत ने एकसाथ 104 सैटलाइट प्रक्षेपित का रिकॉर्ड बनाया था, तब ललितांबिका भी उस टीम की सदस्य थीं मिशन गगनयान के लिए कमर कस चुकीं डायरेक्टरेट ऑफ ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम की निर्देशिका ललितांबिका बताती हैं कि वे बचपन से ही अपने दादा से काफी प्रभावित रही हैं। उनके दादा जी गणितज्ञ और खगोलविद थे और वे लेंस, टेलिस्कोप और माइक्रोस्कोप जैसे गैजट्स खुद बनाते थे।
इसरो से जुड़ी बातों के बारे में ललितांबिका ने अपने दादा जी से ही सुना करती थी। ललितांबिका के पिता इंजिनियर थे। वे बचपन में अपने घर में थुंबा रॉकेट टेस्टिंग सेंटर से रॉकेट्स को लॉन्च होते देखती थीं। वहीं ललितांबिका कहती है कि उन्होंने जितनी भी उपलब्धियां हासिल कीं वो सब शादी के बाद ही मिलीं। तिरुवनंतपुरम में ही कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग से बीटेक में टॉप करने के बाद उन्होंने गेट का एग्जाम क्लियर किया और एमटेक के लिए अपने ही कॉलेज को चुना। ललितांबिका बताती हैं कि उनके पति ने घर की सारी जिम्मेारी खुद उठा लीं और मुझे अपने काम पर फोकस करने को कहा। ललितांबिका ने कहा कि परिवार के सहयोग से ही उन्होंने अपनी पीएचडी पूरी की।