Edited By shukdev,Updated: 12 Nov, 2019 07:10 PM
नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी के एक अध्ययन के मुताबिक यूएस सरकार भारतीय आईटी कंपनियों के लिए वीजा पॉलिसी को और भी कठिन बना रही है। इस अध्ययन में बताया गया कि एच-1बी वीजा चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एच -1 बी वीजा की अस्वीकार दर 24 फीसदी...
नई दिल्ली: नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी के एक अध्ययन के मुताबिक यूएस सरकार भारतीय आईटी कंपनियों के लिए वीजा पॉलिसी को और भी कठिन बना रही है। इस अध्ययन में बताया गया कि एच-1बी वीजा चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एच -1 बी वीजा की अस्वीकार दर 24 फीसदी को छू गई है। H-1B Visa की पेटिशन को अस्वीकार करने के अलावा, यूएस लेबर डिपार्टमेंट ने हाल ही में उन फर्म्स या कंपनियों के नाम बताए, जिन्हें एच-1बी वीजा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इस लिस्ट में कोई छोटी-मोटी कंपनी ही नहीं बल्कि बड़ी कंपनियों के नाम भी शामिल हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं—
Azimetry, Inc.
Bulmen Consultant Group, Inc.
Business Reporting Management Services, Inc.
NETAGE, Inc.
Kevin Chambers
E-Aspire IT LLC
इन कंपनियों के नाम अमेरिकी नागरिकता और इमिग्रेशन सर्विस (USCIS) के डेटा से मिले हैं, जो H-1B वीजा पेटिशन पर ट्रंप सरकार की स्ट्रिक्ट पॉलिसी को दर्शाती है। अध्ययन में बताया गया कि रिजेक्शन की इस लिस्ट में सबसे ज्यादा इंडियन आईटी कंपनियां हैं।