Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Nov, 2019 07:40 AM
धार्मिक ग्रंथों और ज्योतिष विद्या के अनुसार भविष्य में क्या होने वाला है ये पहले से ही जाना जा सकता है। शकुन और अपशकुन पर कुछ लोग विश्ववास करते हैं और कुछ अविश्वास। कुछ लक्षणों को देखते ही व्यक्ति के मन में आशंका उत्पन्न हो जाती है कि
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धार्मिक ग्रंथों और ज्योतिष विद्या के अनुसार भविष्य में क्या होने वाला है ये पहले से ही जाना जा सकता है। शकुन और अपशकुन पर कुछ लोग विश्ववास करते हैं और कुछ अविश्वास। कुछ लक्षणों को देखते ही व्यक्ति के मन में आशंका उत्पन्न हो जाती है कि उसका कार्य पूर्ण नहीं होगा। किसी कार्य में रुकावट या अधूरेपन को दिखाने वाले ऐसे ही कुछ लक्षणों या संकेतों को हम अपशकुन मान लेते हैं। प्रकृति ने पशु-पक्षियों को इंसान से कम बुद्धि दी है, परंतु उन्हें कुछ ऐसी क्षमताओं से नवाजा है जो इंसान के पास नहीं हैं। भूकंप आने से पहले कई सारे पशु-पक्षियों को इसका पूर्वाभास हो जाता है। वर्षा का पूर्व ज्ञान, सूखा पडऩे, बाढ़ आने, तूफान आने या अन्य किसी प्राकृतिक आपदा की जानकारी वैज्ञानिकों से पहले इन को मिल जाती है। इसी आधार पर घटनाओं को देखकर शुभ-अशुभ का अंदाजा लगाने की परंपरा प्रारंभ हुई।
अपशकुनों के बारे में हमारे ग्रंथों में काफी कुछ लिखा गया है। यहां कुछ-कुछ वस्तुओं, विभिन्न जीव-जंतुओं, पक्षियों आदि से जुड़े कुछ अपशकुनों पर विचार करेंगे।
नए घर में पुराना झाड़ू ले जाना अशुभ है। उलटा झाड़ू रखना अपशकुन माना जाता है। अंधेरा होने के बाद घर में झाड़ू लगाना अशुभ होता है। इससे घर में दरिद्रता आती है। झाड़ू पर पैर रखना अशुभ है। इसका अर्थ घर को, लक्ष्मी को ठोकर मारना है।
यदि कोई छोटा बच्चा अचानक झाड़ू लगाने लगे तो अनचाहे मेहमान घर में आते हैं। किसी के बाहर जाते ही तुरंत झाड़ू लगाना अशुभ होता है।
दूध का बिखर जाना अशुभ होता है।
बच्चों का दूध पीते ही घर से बाहर जाना अपशकुन माना जाता है।
किसी कार्य या यात्रा पर जाते समय कुत्ता बैठा हुआ हो और वह आपको देखकर चौंके तो विघ्न होगा।
किसी कार्य पर जाते समय घर से बाहर कुत्ता शरीर खुजलाता हुआ दिखाई दे तो कार्य में असफलता मिलेगी या बाधा उपस्थित होगी।
यदि आपका पालतू कूत्ता आपके वाहन के भीतर बार-बार भौंके तो कोई अनहोनी घटना अथवा वाहन दुर्घटना हो सकती है।
कीचड़ से सना और कानों को फडफ़ड़ाता हुआ कुत्ता दिखाई दे तो यह संकट उत्पन्न होने का संकेत है।
आपस में लड़ते हुए कुत्ते दिख जाएं तो व्यक्ति का किसी से झगड़ा हो सकता है। शाम के समय एक से अधिक कुत्ते पूर्व की ओर अभिमुख होकर क्रंदन करें तो उस नगर या गांव में भयंकर संकट उपस्थित होता है।
यदि कुत्ता मकान की दीवार खोदे तो चोर का भय होता है।
कुत्ता घर के व्यक्ति से लिपटे अथवा अकारण भौंके तो बंधन का भय उत्पन्न करता है।
चारपाई के ऊपर चढ़कर कुत्ता अकारण भौंके तो चारपाई के स्वामी को बाधाओं तथा संकटों का सामना करना पड़ता है।
कुत्ते का जलती हुई लकड़ी लेकर सामने आना मृत्यु भय अथवा भयानक कष्ट का सूचक है।
पशुओं के बांधने के स्थान को कुत्ता खोदे तो पशु चोरी होने का योग है। कहीं जाते समय कुत्ता पत्थर पर पेशाब करता दिखे तो यात्रा कष्टमय हो सकती है।
गृहस्वामी के यात्रा पर जाते समय यदि कुत्ता उससे लाड करे तो यात्रा अशुभ हो सकती है।
बिल्ली दूध पी जाए या रास्ता काट जाए तो अपशकुन होता है। व्यक्ति का काम नहीं बनता, उसे कुछ कदम पीछे हटकर आगे बढऩा चाहिए।
यदि सोते समय अचानक बिल्ली शरीर पर गिर पड़े तो अपशकुन है। बिल्ली का रोना, लड़ना व छींकना भी अपशकुन है।
जाते समय बिल्लियां आपस में लड़ाई करती मिलें तथा घुर-घुर शब्द कर रही हों तो यह किसी अपशकुन का संकेत है।
गाएं अभक्ष्य भक्षण करें और अपने बछड़े को भी स्नेह करना बंद कर दें तो ऐसे घर में गर्भपात की आशंका रहती है। पैरों से भूमि खोदने वाली और दीन-हीन अथवा भयभीत दिखने वाली गाएं घर में भय की द्योतक हैं।
गाय जाते समय पीछे बोलती सुनाई दे तो यात्रा क्लेशकारी होती है। घोड़ा दायां पैर पसारता दिखे तो क्लेश होता है।
सूखे पेड़ या सूखे पहाड़ पर तोता बोलता नजर आए तो भय तथा सम्मुख बोलता दिखाई दे तो बंधन दोष होता है।
कबूतर दाईं तरफ मिले तो भाई अथवा परिजनों को कष्ट होता है।